आंटी ने कहा तुम बड़े चोदु हो

 
loading...

अभी तो मैं 25 वर्ष का हो गया हूँ और अपने परिवार के साथ दिल्ली की एक कॉलोनी में रहता हूँ पर यह घटना मेरे जीवन में लगभग तीन वर्ष पहले घटी थी जब मैं 22 वर्ष का था।
हमारे फ्लैट के साथ वाले फ्लैट में एक परिवार रहता है जिसमे एक बहुत ही सुन्दर आंटी सिर्फ अपने पति के साथ रहती हैं।

उन आंटी के रंग, रूप और उसके शरीर की सुन्दर बनावट को देख कर मैं उनकी ओर बहुत ही आकर्षित होने लगा था और दिन रात उनके सपने देखता रहता था!

मुझे हमेशा उनके साथ सहवास करने की इच्छा करती रहती थी और प्रतिदिन मैं उन्हीं का नाम ले कर हस्तमैथुन भी करता था।

मुझे जब भी कभी अवसर मिलता था मैं खिड़की में से उन आंटी के घर में झांक कर उसे देखता रहता था। कभी कभी तो मुझे ऐसा आभास होने लगाता था कि आंटी भी जानती थी कि मैं उन पर नज़र रखता हूँ! क्योंकि जब मैं उनके घर में झांकता था तब वे अपने शरीर को कुछ ऐसे आड़ा-तिरछा कर के या फिर झुक कर, मुझे अपने किसी न किसी अंग का दर्शन करा देती थी कि मैं कभी कभी तो उत्तेजना की चरमसीमा तक पहुँच जाता था!

आंटी की इन हरकतों से मुझे अंदेशा होने लगा था कि शायद वे भी चाहती थी कि मैं इस झाँका झांकी से कुछ आगे बढ़ कर उसके साथ कुछ करूँ!

मेरा मन तो बहुत करता था कि मैं आगे बढूँ लेकिन डर भी लगता था कि कहीं वह मेरी मम्मी से मेरी शिकायत न कर दें!

एक दिन दोपहर को मैंने थोड़ी हिम्मत जुटाई और मम्मी से एक झूठा बहाना बना कर मैं आंटी के घर चला गया और उन्हें पुकारा। क्योंकि वह बाथरूम में नहा रही थी इसलिए उन्होंने मुझे कुछ देर प्रतीक्षा करने को कहा- मैं नहा रही हूँ, तुम रुको !!

मैं बाहर आँगन में उनकी प्रतीक्षा कर रहा था, तभी कपड़े सुखाने वाली तार पर मैंने आंटी की ब्रा एवं पैंटी देखी। मैं अपने आपको रोक नहीं सका, मैं आंटी की पैंटी को उठा कर सूंघने लगा।

उसी समय आंटी बाथरूम से बाहर निकली और उन्होंने मुझे ऐसा करते देख लिया था!

आंटी तुरंत मेरे पास आई और चिल्लाते हुए मुझसे पूछा- साहिल, यह क्या कर रहे हो तुम?

मेरी तो जैसे जान ही निकल गई, लेकिन मैंने अपने को सम्भालते और हकलाते हुए कहा- कु.. कु.. कुछ नहीं आं.. आं… आंटी, बस यह हवा के झोंके से नीचे गिर गई थी इसलिए इसे उठा कर ऊपर रख रहा था।

मेरा उत्तर सुनकर आंटी आँख दिखाते हुए बोली- मुझे मत सिखाओ, मैंने सब अपनी आँखों से देखा है कि तुम मेरी कच्छी को सूंघ रहे थे !

मैंने कहा- आंटी, बस वो !

आंटी चिल्लाई- क्या वो… ठहरो, मैं अभी तुम्हारी मम्मी से बताती हूँ कि तुम क्या कर रहे थे।

मैं बहुत डर गया था इसलिए मैंने आगे बढ़ कर आंटी के पैर पकड़े तथा उनसे क्षमा भी मांगी पर आंटी ने कोई जवाब नहीं दिया।

उनके चेहरे के रोष को देख कर मैं और भी अधिक घबरा गया तथा मम्मी-पापा के हाथों होने वाली पिटाई के बारे में सोचने लगा।

तभी आंटी थोड़ी मुस्कराई और फिर मेरी रोनी सूरत को देखते हुए जोर जोर से हंसने लगी !

मैं अचंभित होकर उन्हें देखते हुए सोचने लगा कि अभी तो आंटी बहुत डांट रही थी और अब एकदम हंसने लगी हैं! कहीं पागल तो नहीं हो गई जो इतनी जोर से हंस रही हैं!

फिर उन्होंने मेरे पास आकर कहा- अगर तुम मेरा एक काम करोगे, तभी मैं तुम्हें माफ़ कर सकती हूँ!

मैंने झट से पूछा- क्या काम है?

तब आंटी ने बोला- अभी मैं बाथरूम में फिसल कर गिर गई थी जिससे मुझे थोड़ी चोट लगी है और मेरी कमर में मोच भी आ गई है! तुम्हें उस पर तेल से मालिश करनी होगी!

शिकायत से बचने के लिए मेरे पास और कोई चारा भी नहीं बचा था इसलिए मैंने तुरंत हाँ कर दी!

मेरे हाँ कहने पर आंटी थोड़ा मुस्कराई और फिर आगे बढ़ कर मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने बेडरूम में ले गई।

वहाँ उन्होंने ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी निकाल कर मेरे हाथ में रख दी और खुद अपने कमीज़ उतार कर बैड पर उल्टी होकर लेट गई!

मैं चुपचाप तेल की शीशी में से अपने हाथ में थोड़ा तेल ले कर आंटी की कमर की मालिश करने लग।

आंटी को मालिश से कुछ आराम मिल रहा था इसलिए वह खुश थी और बोली- तुम तो बहुत अच्छी मालिश करते हो! क्या तुमने इसकी कोई ट्रेनिंग ली है?

मैंने उत्तर दिया- जी हाँ, मैंने कॉलेज में फर्स्ट-ऐड का कोर्स किया था!

आंटी बोली- फिर तो तुम मेरी कमर के नीचे हो रहे दर्द पर भी मालिश कर दो!

और अपने नितम्बों के बीच में हाथ लगते हुए उन्होंने कहा- जब गिरी थी तब यहाँ पर भी लगी थी और अब भी दर्द हो रहा है!

आंटी ने अपनी सलवार का नाड़ा खोल कर उसको नीचे कर दिया, पैंटी न पहने होने के कारण उनके नग्न नितम्ब मालिश के लिए मेरे सामने थे!

मैं धीरे धीरे उनके नितम्बों के उपर तेल की मालिश करने लगा तब वह बोली- यहाँ नहीं, दोनों कूल्हों के बीच में नीचे की ओर दर्द हो रहा है, वहाँ पर अच्छी तरह से मालिश कर दो!

उनके कहे अनुसार मैंने तेल वाले हाथ उनके नितम्बों के बीच में नीचे की ओर डालने लगा तब आंटी ने कहा- हाँ, यहीं पर अन्दर की ओर!

तथा अपनी दोनों टांगें चौड़ी कर दी ताकि वहाँ की मालिश अच्छे से हो सके!

उनके ऐसा करने से मुझे भी मालिश करने में आसानी हो गई और मैंने उनकी गांड और उसके आस पास तेल लगा कर मालिश करने लगा।

कभी कभी मेरा हाथ फिसल कर कुछ ज्यादा नीचे उनकी चूत तक चला जाता और मेरी उंगलियाँ उसे छू जाती तब आंटी सिसकारी लेने लगती !

शायद मेरा ऐसा करने से उन्हें कुछ अधिक मज़ा आने लगा इसलिए वह दस मिनट तक चुपचाप लेटी रही और मुझे अपनी गांड के आस पास की मालिश करने दी!

मैं भी बड़े मजे से तेल लगाता रहा था और उनकी चौड़ी टांगों के बीच में से उनकी चूत को निहारते हुए सोचा- पता नहीं कब मेरा खड़ा लण्ड उस ज्वालामुखी मे जाएगा!”

मैं अपने खड़े लण्ड से भी बहुत परेशान हो रहा था क्योंकि वह बार बार आंटी की जाँघों से टकरा रहा था ! हाथों में तेल लगे होने के कारण मैं उसे ठीक से अपने लोअर के अन्दर सेट नहीं कर पा रहा था और मैं डर रहा था कि कहीं आंटी को बुरा नहीं लग जाए !

मुझे अपने पर खीज और गुस्सा भी आ रहा था कि मैंने मालिश के लिए हाँ क्यों कही थी!

तभी आंटी ने मुझे कहा- तुम तो अब बहुत बड़े हो गए हो?

मुझे खीज तो हो ही रही थी इसलिए मैंने भी गुस्से में बोल दिया- मेरा वह भी बड़ा हो गया है।

यह सुनते ही आंटी बोली- उसी का तो जायजा लेने के लिए यह नाटक कर रही हूँ!

उनके मुख से यह नाटक शब्द सुन कर मेरा गुस्सा हवा हो गया और मुझ पर वासना ने आक्रमण कर दिया।
उस वासना की वजह ने मेरा लण्ड और भी सख्त हो गया और मुझे लगने लगा था कि कुछ ही देर में उसकी सारी नसें फट जायेंगी। मैंने अपने शरीर को आंटी के शरीर के साथ सटा दिया और लोअर के अन्दर से ही अपने लण्ड को उनकी नंगी जाँघों पर दबाने लगा! मेरे लण्ड की चुभन को महसूस कर के आंटी ने मेरी ओर देखा और मुस्करा कर मुझे एक आँख मारी!

इसके बाद आंटी ने मेरे हाथों को अपने नितम्बों तथा जाँघों से अलग करते हुए बैड से उठी और सिर्फ ब्रा ही पहने हुए मेरे एकदम करीब आ कर खड़ी हो गई! फिर उन्होंने मेरे लोअर में हाथ डाल दिया मेरे लण्ड अपने को हाथ में पकड़ कर बोली- हाँ तुम ठीक ही कह रहे थे, यह सच में काफी बड़ा हो गया है और साथ में काफी मोटा भी हो गया है, यह जिसकी भी चूत में घुसेगा उसे पूरी संतुष्टि दे कर ही बाहर निकलेगा!

यह सब बोलते हुए उन्होंने मेरे लोअर को दोनों हाथों से पकड़ कर नीचे की ओर सरका दिया। क्योंकि मैंने अंडरवियर नहीं पहना था इसलिए मेरा तना हुआ लण्ड उनके सामने सलामी देने लगा।

मेरे कड़क लण्ड को देख कर आंटी तुरंत झुक कर नीचे बैठ गई और उसे पकड़ कर अपने मुँह डाल लिया और चूसनी की तरह चूसने लगी।

पिछले कुछ मिनटों में उनकी बातों और गतिविधि को देख कर मुझे उनसे ऐसी ही प्रतिक्रिया मिलने की ही आशा थी।

मैं उनके द्वारा किये जा रहे मेरे लण्ड के मुख-मैथुन का पूर्ण आनंद लेने लगा और अब मुझे इस बात का विश्वास हो गया था कि आज वह अपनी चूत में मेरा लण्ड डलवा कर अपनी आग को ज़रूर शांत करेंगी!

बाद में आन्टी ने मुझे बताया था कि उनके पति मधुमेह के रोग से ग्रसित थे जिससे उन्हें स्तंभन दोष हो गया था और वह उनकी चुदाई नहीं कर सकते थे।

कई माह से यौन संसर्ग की भूखी आंटी को आज जब मेरा सात इंच लम्बा एवं ढाई इंच मोटा लण्ड दिख गया तब उनकी चूत में आग तो लगनी ही थी।

कुछ देर तक मेरा लण्ड चूसने के बाद जब वह उठी तब मैंने उन्हें पकड़ लिया और उनके होटों को चूमने लगा तथा धीरे धीरे उनकी ब्रा के ऊपर से ही उनकी मस्त चूचियों को हाथों से दबाने लगा।

तब उन्होंने अपने हाथ पीछे की ओर कर के अपनी ब्रा के हुक खोल दिए और उसे उतार कर दूर कोने में फेंक दिया। अब वे मेरे सामने बिल्कुल नग्न हो गई थी और उन्होंने मेरा सिर पकड़ कर मेरा मुँह अपनी चूचियों पर लगा दिया।

मैं भी यही चाहता था इसलिए बिना विरोध किया मैंने उनकी चूचियों को दबा कर चूसने लगा जिस से वह भी बहुत गर्म होने लगी थी! उस समय मैं तो चाहता था कि आंटी तुरंत बिस्तर पर लेट जाएँ और जल्दी से मुझसे चुदाई करवा लें!

मुझे थोड़ी जल्दी इसलिए भी थी क्योंकि दोपहर का समय था और उस समय हमारे घर में मम्मी अकेली थी! मुझे डर था कि मम्मी जब मुझे देर तक घर वापिस आया नहीं देखेगी तो वह मेरे बारे में आंटी पूछने के लिए वहाँ भी आ सकती हैं!

इसलिए मैंने भी तुरंत अपनी टी-शर्ट उतार कर आंटी की ब्रा के ऊपर फेंक दी और नीचे झुक कर बैठ गया! आंटी ने अपनी टाँगें फैला दी ताकि मुझे उनकी चूत के खुले दर्शन हो जायें और मैं आराम से उसको चूस भी सकूँ।

उनकी चूचियों को चूसने के कारण वह बहुत गर्म हो चुकी थी और उनकी चूत भी गीली हो चुकी थी। जैसे ही मेरी जीभ ने उनकी चूत पर दस्तक देनी शुरू करी उनके मुख से तो आह.. आह.. की सिसकारियाँ निकलने लगी!

उनकी चूत से निकल रहे पानी का स्वाद सच में काफी अच्छा था और मैं उसे मस्ती के साथ चूसने अथवा चाटने लगा। अगले दो-तीन मिनट तक मैं उनकी चूत और दाने को बहुत तेज़ी से जीभ से रगड़ता रहा!

इस रगड़ का असर हुआ और आंटी ने अपनी टाँगें अकड़ा दी और बहुत ही जोर की सिसकारी लेते हुए अपनी चूत में से रस का फव्वारा छोड़ दिया।

क्योंकि मुझे थोड़ी जल्दी थी इसीलिए मैंने उस रस को चाट लिया और खड़ा होकर आंटी को वहीं घोड़ी बनने को कहा!

आंटी घोड़ी बनने का मतलब बखूबी जानती थीं इसीलिए उन्होंने कोई देर नहीं लगाई और तुरंत बिस्तर पर झुक कर घोड़ी बन गई !

मैंने अपने लण्ड को उनकी चूत के मुँह पर रखा तथा एक धक्का लगाया और उसे उनकी गीली चूत में पूरा का पूरा घुसेड़ दिया!

उनके मुँह से एक मीठी सी आह निकली और उनकी सांसें भी तेज़ी से चलने लगी!

मैं आगे झुक कर आंटी की दोनों चूचियों के पकड़ कर मसलने लगा और नीचे से धीरे धीरे धक्के लगा कर अपने लण्ड को उनकी चूत के अन्दर बाहर करने लगा।

मुझे बहुत ही मज़े आ रहे थे क्योंकि जब मैं आंटी के घर आया था तब मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे उनकी चुदाई का ऐसा सुनहरा मौका आज ही मिल जाएगा।

थोड़ी ही देर में जब आंटी ने ऊँचे स्वर में सिसकारियाँ लेनी शुरू कर दी तब मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी और मैंने तेज़ी से धक्के लगाने शुरु कर दिए जिस के कारण देखते ही दखते आंटी की चूत से रस टपकने लगा! उस रस से मेरा लण्ड और टट्टे के गीले होने का एहसास होते ही मुझे बहुत जोश आ गया और मैंने बहुत ही तीव्र तेज गति से आंटी की चुदाई करनी शुरू कर दी।

इस बहुत ही तीव्र गति की चुदाई से आंटी भी बहुत उत्तेजित हो गई और अत्याधिक ऊँचे स्वर में सिसकारियाँ लेने लगी तथा मेरा साथ देते हुए आगे-पीछे भी हिलने लगी।

उनकी इस गतिविधि से हम दोनों को उस चुदाई का बहुत ही आनन्द आने लगा था। तभी आंटी का शरीर अकड़ गया और उनकी चूत बहुत ही जोर से सिकुड़ गई तथा मेरे लण्ड को अन्दर की ओर खींचने लगी।

इस खींचा-तानी में हम दोनों को जो रगड़ लगी उससे दोनों ने जोर से चिल्लाते हुए अपने अपने रस की बौछार कर दी।

इसके बाद ना तो मेरे पास और ना ही आंटी के पास इतनी ताकत बची थी की हम दोनों खड़े रह सके इसलिए हम निढाल होकर एक दूसरे से चिपके हुए बिस्तर पर लेट गए!

पांच मिनट के बाद जब मुझे कुछ सुध आई तो मैंने अपना लण्ड को आंटी की चूत से बाहर निकाला तब उसमें से रस की नदी बह निकली!

बैड की चादर चूत से निकल रहे रस से खराब न हो जाए इससे बचने के लिए आंटी तुरंत उठ कर खड़ी हो गई और भाग कर बाथरूम में घुस गई!

मैं भी उनके पीछे बाथरूम में चला गया और वहाँ हम दोनों ने एक साथ स्नान किया तथा एक दूसरे को अच्छी तरह से साफ़ भी कर दिया।

जब हम वापिस कमरे में आए तो आंटी बहुत ही खुश लग रही थी और बार बार मुझे चिपक कर मेरे गले लग रही थी और मेरे चुम्बन ले रही थी।

मैंने भी उनके चुम्बन का उत्तर चुम्बनों से दिया और फिर हमने अपने कपड़े पहन लिए!

मैंने वहाँ से चलने से पहले आंटी के होंटों को चूमते हुए उनसे चुदाई और संतुष्टि के बारे पूछा तो उन्होंने बहुत ही ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा- साहिल, आज में तुझे प्रमाण-पत्र देती हूँ कि तुम एक उत्कृष्ट श्रेणी के चोदू हो और तुम जिसकी भी चुदाई करोगे वह बहुत ही खुशनसीब होगी क्योंकि उसकी प्यास पूर्ण रूप से बुझेगी और उसे बेहद संतुष्टि मिलेगी! सब एक बार तुमसे चुदने के बाद बार बार तुमसे ही चुदने की याचना करें, मेरी ऐसी शुभकामनाएँ तुम्हारे साथ हैं!

इसके बाद आंटी ने मेरे लण्ड को पकड़ कर दबाया और मुझे अगले दिन फिर आने का न्योता दिया तथा घर के बाहर वाले दरवाज़े तक एक चुम्बन दे कर मुझे अलविदा करने भी आई!



loading...

और कहानिया

loading...



अन्तर्वासना सिर्फ तुम्हे दूँगीxxx.sexi.vidio.ladki.ki.chudai.ke.sath.pisab.kartihai.vidio.didi ne mom ko chudwayamajburi me badi umar ke aadmi se saadi krvana or jabrdasti suhagrat sex chudai storyक्सक्सक्सहिदि मी चूदाई किmastramhindikahanixxxbhudhe bhikari ne choda full storiesaunty ki chudai ki khani in hindiantarbasna kajin bahuhinde sax bhae bahn parkantarvasana70salअधी ओरत की चुत चुदाई फियफकहानी चुkamuktashashi ki gali dekar chudai antarvasna pdos wali bhabhi ko chod diya apne ghar bulvake koi bhane xxnx khani hibhabhi ki sex kahanihindi sexy khyanya bhein keकहा लडके गाड मराते हैhardm csorem sexxxx bhojpuri kahani bhai se chud gayipadosi ne mara pariwar ko chodaसेक्सी कहानीयां हिन्दी WWWWXXXX.COMchudai kalpnik. comvarjin chuth khujli hindi kahaniकोटा newsexstoryyum story baheno ko randi bana ka choda sex storywww.garryporn.tube/page/%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%87-%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A6-girsh-xxxx-vdiogs-380691.htmlbayaja aunty sex story hindibhabhi gand injection gand xxx storybhabhi ko bal saf karte dekha devarne sex storij.comDog. देसी।HD. Porn.six.xxxanSAKAX KE KAHANEYAbhai behan ki sex storieshindi ma saxe khaneyaलव लङकी का दुध xxxxsabana sex story hindi merand ko ghar bulaky chooda xvideochutphotokahaniantarvasnasexstoresex.comkahanichodaiauntभोसा मे जाये लंड वो पिचर दिखाऔभाई के दोस्त से चुदाई पैसो मेउषा की मोटे दमदार लन्ड से चुदाईमीनू ने बुर चुदवायाXXX HINDE KHANEYAgaand ki seal todi sex kahani lesbiannew hindi sex storiskhana banane wali nokrani ki jabrdsti chudail mene ki storygandi chudai storieschut chatne ki likhit bat b chudai ki bat likhit memosi xxx kahani hindiबुर मे लता सेकसीमाधवी भाभी झवझवी कथाras tapke chudai videoxx hinde sexy khaneasasur bahu group sex story in hindimeri real sex kahani sexyहिनदीचुद ईGunda na mujhe zabarjasti choda sexstroieshindikuwari ladaki ki chudai asani s ki hindi kahaninaanaa ki xxx kahaniychachi ki chut khujayaXxx Hot Mera Sexy Pagal Hai Bhai Khana kha HDमूतने बेठी लंड मुह मे डाल दीया कहानीhindisexkahaniमं चूड़ी नैनीताल मं क्सक्सक्स हिंदी कहानीछोटी लड़की की चुत मे लड गुसा दिया खेल खेल में hindi sexy storyदादा पती केxxxx velaj ke bahane bhai se chudibule barkhaki sachi khaneDard ki kahani xx