हीना खुद भी चुदी और अपनी माँ को भी चुदवाया

 
loading...

हाय प्यारे रीडर्स, मैं विशाल , मेरी उम्र 28 वर्ष है और मै कर्नाटक का रहने वाला हु. में गुरु मस्तराम डॉट कॉम का नियमित रीडर्स हूँ. लेकिन पहली बार आप लोगो के पास एक सच्ची कहानी भेज रहा हूँ, आशा हैं यह कहानी आप लोगो को पसंद आयेगी. में 6 साल पहले कर्नाटक आया तो मैने एक सुशिक्षित परिवार से भरपूर परिवार मे किरायेदार की हेसियत से रहने लगा.

उस परिवार मे मेरे अलावा उनकी बड़ी लड़की हीना और हीना की मम्मी रीता और पापा अनिल रहते हैं. हीना के पापा कर्नाटक शहर मे एक कॉटन कम्पनी मे काम करने के कारण अधिकतर बाहर ही रहते हें.

यह परिवार वाले मुझे अपने बेटे जैसा ही मान कर मेरी खिदमत कर ते थे और मुझे  अपने परिवार का ही एक सदस्य समझते थे उनके घर का माहोल शुरू से ही बड़ा खुला हुआ था घर मे हीना की माँ को में आंटी कहँ कर पुकारता था और हीना को दीदी,  आमतोर पर हीना ऐसे कपड़े पहनती थी जो की कोई और लोग शायद बेडरूम मे ही पहनना अच्छा समझे. हालाँकी उसकी माँ रीता हमेशा साड़ी-ब्लाउज पहनती थी.

आंटी और हीना दीदी घर मे मेरे सामने ही अपने मासिक (एम.सी) से सम्बधित बाते करती जैसे की  आज मेरा पहला दिन है, या हीना को बहुत परेशानी महसूस हो रही है या ज़्यादा ब्लडडिंग हो रहा है. आमतोर पर आंटी और हीना दीदी मेरे सामने ही कपड़े बदलने मे कोई ज़्यादा शर्म संकोच नही करती थी.

एक बार हीना दीदी की सभी सहेलियां होली खेलने हमारे घर आई तो मे दुबक कर दरवाजे के पीछे छुप गया, तब किसी को नही मालूम था की मे घर मे ही छुपा हुआ हूँ, खेर हीना दीदी और उसकी सहेलियो ने वहाँ पर घर के हॉल और बाथरूम के पास मे काफ़ी नंगापन मचाया.

एक दूसरे के कपड़े फाड़ते हुये लगभग नगदहड़ंग पोज़िशन मे एक दूसरे के ऊपर रंग लगाया, होली की दोपहर को आंटी भी मोहल्ले वालो के घर से रंग मे सराबोर होकर आई और मुझे बिना रंग के देख हीना दीदी से कहने लगी की इस बेचारे ने क्या पाप किया है जो इसे सूखा छोड़ दिया, और हीना दीदी को इशारा कर मुझे पकड़ कर गिरा दिया और मेरे पूरे शरीर पर रंग लगा दिया.

हीना दीदी ने तो रंग कम पड़ने पर अपने शरीर को ही मुझसे रगड़ना शुरू कर दिया. मैं पहले नहा धोकर आया उसके बाद आंटी और हीना दीदी दोनो एक साथ बाथरूम मे नहाने लगी. मुझसे रहा नहीं गया और में चोरी छुपे बाथरूम मे देखा तो दोनों  केवल पेन्टी पहन कर एक दूसरे की चूचियों पर लगा रंग छुड़ा रहे थे यह देखा तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी.

कुछ ही महीनो बाद हीना दीदी की शादी बंगलोर मे हो गयी और वह अपने ससुराल चली गयी, कुछ महीनो के बाद गर्मियो के महीनो मे हीना दीदी कुछ दिनो के लिये अपनी माँ के पास रहने के लिये  आई. जीजाजी हीना दीदी को छोड़ने के लिये दो दिनो के लिए आये थे.

मैने देखा की हीना दीदी शादी के बाद अब और ज़्यादा बिंदास सेक्सी और कामुक हो गयी है, और क्यो ना हो अब उसके पास लाइसेन्स जो था, मेने जीजाजी को भी काफ़ी खुले विचारो वाला पाया. शाम को खाने के बाद उन्होने अपने हनीमून के फोटोग्राफ्स दिखाये जिसमे वह दोनो गोवा के समुन्द्र किनारे बिकनी और स्विम्मिंग कॉस्ट्यूम्स मे ही नज़र आये.

अचानक बिजली गुल हो गयी और काफ़ी देर तक नहीं आई इसलिये उस रात हमने ऊपर छत पर सोने का प्लान बनाया. छत पर एक लोहे का पलंग पड़ा हुआ था जिस पर जीजाजी ने मुझे सुला दिया, और वह दोनो इतनी गर्मी मे अंधेरे मे चिपक कर सो गये. आप ये कहानी गुरु मस्तराम डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

थोड़ी देर बाद जब अंधेरे मे दिखने लगा तो मेने देखा की हीना दीदी जीजाजी के उनका 7  इंच लंबा लंड पकड़कर मस्ती से हिला रही थी और बार-बार  उनका लंड चूस रही थी, उनकी सेक्सी चूमा चाटी और होने वाली खुस्फुसाहट के कारण मेरा 6 इंच लंबा लंड भी तंबू जैसे तना हुआ था, और फट कर बाहर आ जाने को हो रहा था.

तभी दीदी बोली की उसे बाथरूम आ रही है तो जीजाजी ने मुझे आवाज़ लगाई, लेकिन मे आँखें बंद किये हुये नींद आने का बहाना बनाये पड़ा रहा तो दीदी बोली की शायद सो गया होगा, तब हीना दीदी उठी और बेड पर से ही अपनी पेन्टी को नीचे उतारती हुई छत के कोने मे पेशाब करने बेठ गयी.

आसमान की हल्की रोशनी मे उसके गोरे-गोरे  और बड़े-बड़े  चूतड़ चमक रहे थे जिनको देख कर जीजाजी भी उठे और अपनी लूँगी एक और फेक कर वी शेप की चड्डी मे से अपना लंड निकाल कर पूनम दीदी के चूतडो के ठीक पीछे लंड लगा कर पेशाब करने बेठ गये, और अपने दोनो हाथो से सेक्सी दीदी की चूचियों को दबाने लगे.

इसके बाद तो वो दोनो खड़े-खड़े  ही अंधेरे मे चुदाई करने लगे हीना दीदी की मदहोशी मे कामुक साँसे और आवाज़े मुझे पागल बना देने के लिये काफ़ी थी, मे अपनी आधी आखें बंद कर यह सब देख रहा था, और ना जाने कब मेरी आंखँ लग गयी, सुबह लगभग 5 बजे छत पर ठंडी हवाओं के कारण मेरी आँख खुली तो मेने देखा की हीना और जीजाजी एक दूसरे पर चढ़ कर सोये हुये थे.

शायद सेक्स करने के बाद उनकी नींद लग गयी और वो अपने आप को सही भी नही कर पाये. हीना दीदी की पेन्टी तो पेरो मे पड़ी थी और उसकी नाईटी उसके नंगे कमर पर पड़ी हुई थी, जीजाजी भी पूरे नंगे थे और उनका सिकुडा लंड दीदी की हल्के काले बालो वाली चूत मे से बाहर लटक रहा था.

ऐसा सीन देख मेने सबसे पहले तो लपक कर मूठ मारी और उसके बाद अपनी सेक्सी दीदी की चूचियों को देखने की कोशिश की लेकिन जीजाजी के सीने से दबे होने के कारण मुझे कुछ ज़्यादा नही देखने को मिला. सुबह करीब 9 बजे में उठा तो देखा दीदी और जीजाजी उठ चुके थे मैं नहा धोकर फ्रेश होकर हम सब ने साथ मे नाश्ता किया.

दीदी और जीजाजी आने के कारण आंटी जी ने मुझे कहा अंकल नहीं है घर मे तो दीनू तुम एक हफ्ते की दफ़्तर से छुटी ले लो इसलिये मैने एक हफ्ते की छुटी ले ली थी. सुबह दिन भर हम तीनो ने पिक्चर हॉल मे पिक्चर देखी और कई जगह घूमने भी गये जब शाम को 7 बजे हम घर  लोटे तो मैने और जीजाजी ने विस्की पीने का प्लान बनाया.

जब विस्की पी रहे थे की अचानक जीजाजी के ऑफीस से फोन आया की उन्हे कल किसी भी हालत मे आकर रिपोर्ट करनी है तो जीजाजी ने सुबह जल्दी जाने का प्रोग्राम बना लिया. जब दीदी को पता चला की जीजाजी कल सुबह ही जा रहे है तो वो उदास हो गई.

हम लोग भी जल्दी से खाना खाकर जीजाजी का बेग तैयार कर कर छत पर सोने चले गये. कल रात की तरह हम लोगो ने अपना बिस्तर लगा कर सो गये. करीब एक घंटे बाद मैने अंधेर मे मेने देखा की आज भी हीना दीदी जीजाजी को ज़्यादा परेशान कर रही थी अपनी नाइटी नंगी जांघो पर चड़ा कर पेन्टी उतारकर अपनी रसीली चिकनी चूत को जीजाजी के मुहँ पर रख कर उनका लंड मुहँ मे लेने की ज़िद कर रही थी.

लेकिन जीजाजी दिन भर की थकान के कारण सोने के मूड मे थे, और उन्हे सुबह जल्दी जाना भी था, जीजाजी जब सो गये तो दीदी भी अपनी चूत को हाथ से रगडती हुई सो गयी, बेचारी क्या कर सकती थी. आप ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

अगली सुबह जब आंटी ने मुझे उठाया और कहाँ विशाल तुम्हारे जीजाजी को ट्रेन मे बैठा कर आ जाओ तो में जल्दी से फ्रेश होकर नहा धोकर तैयार होकर जब दीदी के कमरे मे गया तो देखा की हीना दीदी जीजाजी से एक बार मज़े देने का कह रही थी और बोल रही थी की आपके बिना मेरा मन कैसे लगेगा  तो जीजाजी बोले की तेरे दीनू भाई ने एक हफ्ते की छुटी ले ली है.

इसीलिये विशाल का साथ रहेगा तो मुझे किसी बात की फ़िक्र नही रहेगी. और हीना दीदी और में जीजाजी को ट्रेन मे बैठाने के लिये चल पड़े. जब ट्रेन जाने लगी तो हीना दीदी बड़ी उदास सी हो गयी. जब हम घर लोटे तो नाश्ता करने के बाद हम बोर हो रहे थे तो आंटी ने हमे सुझाव दिया की विशाल तुम और हीना आज कमरे की सफाई कर लो तब तक में खाना बनाती हूँ इससे तुम्हारा मन भी लग जायेगा.

मैने पजामा और टी शर्ट पहन ली और हीना दीदी ने सफ़ेद पतले कपड़े का कुर्ता पहन रखा था और नीचे लूँगी जिसमे से उसकी गोरी-गोरी  सफेद जाघे दिख रही थी, वह लंबे वाले स्टूल पर खड़ी हुये थी,और मे नीचे से उससे सामान लेता जा रहा था, दीदी का कुर्ता शॉर्ट स्लीव का था जिसमे से दीदी के मोटे-मोटे स्तन कभी कभी दिख जाते थे, और काली-काली चुचियां बाहर से ही दिखाई दे रही थी उन्होने ब्रा नहीं पहनी थी.

कभी-कभी वह मुझे देख कर अपने हाथो से अपनी चूत को रगड़ने लगती, जब वो सामान लेने के लिये हाथ उठाकर सामान उतार थी तो, हाथ उठाने से उसकी अंडर आर्म्स के काले-काले घने बाल देख मेरा लंड टनटना शुरु हो गया, गनीमत थी की मेने पजामा पहन रखा था.

कई बार भारी सामान होने के कारण दीदी का स्टूल पर बेलेन्स नही बनता तो वह अपने पेरो को चोड़ा कर पास की अलमारी पर पैर रखती तब तो उसकी पेन्टी जो की सफ़ेद कलर की थी ऐसी दिखती मानो अभी उसे खोल कर लंड डाल दूँ, बीच-बीच मे पानी पीते समय दीदी शायद जानबुझ कर अपनी सफेद महीन कुर्ते पर पानी ढोल लेती जिससे उसकी चूचियों के निपल साफ दिखाई देने लगते खेर किसी तरह हम दोनो ने कमरे में साफ सफाई की और नाहकर खाना खाया.

दोपहर को थोड़ी देर आराम करके हम शाम के समय हम बाज़ार घूमने निकल पड़े जब हम घर लोट रहे थे तो दीदी बोली दीनू भाई आज तुम्हारे जीजाजी गये तब से मेरा मूड कुछ उखड़ा उखड़ा हुआ है और मूड ठीक करने के लिए क्या तुम मेरे लिए बीयर ला सकते हो. फिर में दुकान जाकर करीब 5 बीयर की बोतल ले आया. और जब हम करीब 7:30 बजे घर पहुँचे तो आंटी खाना बना रही थी और में और दीदी छत पर जाकर बीयर पीने लगे.

करीब एक दो बीयर पीने के बाद दीदी कहने लगी की मुझे ज़ोर से पेशाब आ रही है और बिना किसी शर्म या पर्दे के उसने मेरे सामने ही उसने अपनी पेन्टी खोल दी और नाइटी ऊँचा उठा कर अपनी मोटी-मोटी गांड दिखाती हुये वह छत के एक कोने मे जाकर मूतने बेठ गयी.

उसके मूतने से जो झर-झर की तेज अवाज़ हो रही थी वह सुन मे बहक सा गया और उनकी मोटी-मोटी गांड को एकटक देखने लगा शायद दीदी समझ गयी थी की में उसकी और मुहँ करके उसको मूतते हुये देख रहा हूँ तभी उसने मुहँ  घूमाकर मेरी और देखा और एक आँख मारकर सेक्सी अवाज़ बना कर कहने लगी की आजा शरमाये मत मेरे पास आकर तू भी मूत ले. आप ये कहानी गुरु मस्तराम डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

मैं जानती हूँ तुम ने उस रात चोरी चोरी चुपके चुपके मुझे और तेरे जीजाजी को मूतते हुये देखा था यह सुनकर में सकपका गया लेकिन फिर भी हिम्मत करके दीदी के ठीक पास मे बेठ गया और अपने खड़े हुये मोटे और लंबे लंड को क़ैद से निकाल कर मूतने लगा, दीदी झुक-झुक कर मेरा लंड फटी-फटी आँखों से देखने लगी और बोली भैया तू तो वास्तव मे पूरे मर्द हो मम्मी और मे तुझे यू ही छोटा समझती थी.

तूने अभी तक अपने औज़ार को कहीं काम में लिया है या यूँ ही तेज़ धारदार हथियार लेकर घूमता रहता है, दीदी की ऐसी बातें सुन मे चुप सा हो गया और इधर -उधर देखने लगा की कही कोई देख तो नही रहा है, लेकिन अंधेरा देख बेफ़िक्र हो मे सीधा खड़ा हो गया, मूतने से बड़ा हल्कापन महसूस हो रहा था दीदी के मन मे क्या है यह मे अब तक समझ नही पाया था, क्योकि मेरे दिमाग़ ने तो दीदी के मोटे मोटे चूतडो को देख कर ही काम करना बंद कर दिया था.

खेर किसी तरह खाना खाने के बाद वो आंटी को बोली मम्मी आज बड़ी गर्मी है चलो छत पर जाकर सोते है. तब आंटी बोली नीचे कोई नहीं है में आँगन मे सोती हूँ तुम भाई बहन ऊपर छत पर सो जाना. फिर हम छत पर आकर दोनो पलंगो को करीब करीब (तोड़ा सा गेप रख कर) सोने लगे तो दीदी बोली दीनू नींद नही आ रही है और दीदी ने अपना असली जलवा दिखलाना शुरू कर दिया.

उसने बड़े सेक्सी अंदाज़ मे मुझे देखते हुये अपने ब्लाउज को खोल दिया, जिसमे से उसके दोनो गरदाये हुये मस्त कबूतर फड़फडा कर बाहर आ गये, उनको हाथो से सहलाते हुये वह कहने लगी की देख भैया इनको बेचारे ये भी गर्मी के कारण कैसे कुम्हँला गये है, आज तेरे जीजाजी होते तो अब तक तो इन्हे मुहँ मे लेकर एकदम ताजा कर देते, ऐसी बात सुन मेरे को ऐसा करंट लगा की मेने भी सोचा की जब हीना दीदी संकोच नही कर रही है तो क्यों ना दिखा दूँ अपनी मर्दानगी.

दीदी के दोनो चूचियों पर इतना टाइट ब्लाउज पहनने के कारण लाल रंग का निशान सा पड़ गया था, दीदी ने धीरे से अपनी साड़ी और पेटीकोट भी खोल दिया और नगदहड़ंग नंगी हो फिर से मूतने बेठ  गयी, मूतने के लिये उठते बैठते समय उसकी चूत का जो नज़ारा मुझे पीछे से हुआ वह वास्तव मे मेरे जीवन का अजीबो गरीब नज़ारा था, जिसके बारे मे बंद कमरे मे आँखें बंद कर अपने लंड को रगडता था आज वही चीज़ मेरे सामने परोसी हुई सी मालूम पड़ रही थी.

मे भी शर्म संकोच छोड़ दीदी के बिल्कुल पास जा खड़ा हुआ.अब दीदी पूरी नंगी अवस्था मे अपने पलंग पर आकर और हाथ हिला कर मुझे भी बुलाने लगी, मे जैसे ही उनके पलंग के पास गया तो दीदी ने झट से मेरी लूंगी और वी शेप चड्डी खीच निकाली, और मुझे भी अपनी तरह मादरजात नंगा कर पलंग मे खीच लिया.

कहने लगी की इस बेचारे पर कुछ तरस खा, इतनी गर्मी मे इसे इतने तंग कपड़ो मे रखेगा तो इसका क्या हाल होगा तू नही जानता, इस बेचारे को थोड़ी हवा पानी दिखाने की ज़रूरत देनी चाहिये और हँसते हुये दीदी ने मुझे अपने ऊपर गिरा लिया.

अब हम दोनो के नंगे जिस्म एक दूसरे से रगड़ा रहे थे, दीदी के कामुक बदन ने तो मानो मुज़े सम्मोहित ही कर लिया था, और मे लगभग अंधे के समान वही करता जा रहा था, जो वो मुझसे चाहती थी, उसने मेरे दोनो हाथो को पकड़ कर अपनी चूचियों पर रख दिया, और कहने लगी की प्लीज़ भैया, जल्दी से इन कबूतरो को मुहँ मे लेकर चूसो नही तो मे मर जाऊँगी.

उसके बाद एक हाथ से अपनी चूत को रगड़ने लगी, कुछ देर उसकी चूचियों को चूसने के बाद मेने भी अपना एक हाथ उसकी चूत पर रख दिया, तो मुझे उसकी चूत की गर्मी महसूस हुई, अपनी उंगलियो को दीदी की चूत मे घुसाते हुये मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था, और मे लगभग पागलो की तरह हीना दीदी की चूत को रग़ड रहा था.

जिस कारण उसमे से हल्का सा गर्म चिकना मदमस्त रस निकलता सा महसूस होने लगा, मे इस रस को अपने मुहँ मे पीना चाहता था, लेकिन दीदी को कहने से डर रहा था, तभी दीदी मानो मेरे मन की इच्छा भाप गयी और वह मेरे ऊपर चड़ गयी और मेरे लंड को मुहँ मे लेकर आईसक्रीम की तरह चूसने लगी, उसने अपनी रस भरी चूत को मेरे मुहँ के पास कर दिया, हम दोनो 69 की पोज़िशन करके में भी हीना की चूत को मुहँ मे लेकर चूसने लगा. वो लंड चूसने मे मस्त थी.

करीब 15 मिनिट तक लंड चूसने के बाद मैने हीना दीदी से बोला की प्लीज़ , थोड़ा रुक-रुक कर चूसो, नही तो तुम्हारा मुहँ कही खराब न हो जाये, तो वह ज़ोर-जोर से हँसते हुये बोली की तेरे जीजाजी तो रोज़ ही मेरा मुहँ खराब करते है. खेर कोई बात नहीं जब तेरा दिल चाहे मेरे मुहँ पर लंड से पिचकारी छोड़ देना. आप ये कहानी गुरु मस्तराम डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

कुछ ही देर मे दीदी की मस्त रसीली चूत सिकुड़ने लगी और वो मेरे सिर को चूत पर दबाने लगी और उनकी चूत का मजेदार नमकीन पानी मेरे मुहँ पर छोड़ दिया और अपनी आँखों को बंद कर मुहँ से अजीब सी सिसकारियां लेने लगी थी.

मेरे लंड ने अभी तक जवाब नहीं दिया और जब उसका मन चूमा चाटी से भर गया तो कहने लगी की चल अब जल्दी से अपनी प्यारी दीदी को चोद दे, और ऐसा कह वो अपनी टांगों को फैलाते हुये अपनी चूत को चोड़ा कर बोली फाड़ दे भाई अपनी दीदी की चूत को तेरे इस मोटे और लम्बे लंड से.

इसके बाद मे मैने अपना लंड उनकी चूत पर रख कर चूत मे ज़ोरदार घुसाया तो वह बिलबिला उठी और कहने लगी की ऐसा लंड तो मेने अपने जीवन मे कभी नही खाया, यदि आज यहाँ मम्मी होती तो. ऐसा कह वह मस्ती मे आखँ बंद कर चुप हो गयी और उस वक्त तो मे यह सुनकर चुप हो गया क्योकि मे भी इस पल के मज़े को भूलना नही चाहता था.

लेकिन कुछ मिनटों के धक्को के बाद मेने उससे पूछ ही लिया की ऐसा लंड कभी नही खाया और मम्मी होती तो, इसका क्या मतलब है. क्या तुमने जीजाजी के अलावा और भी लंड खाये है, तो वो हँसते हुये बोली की अब तुझसे क्या छुपाना,  मम्मी शुरू से ही पापा की गेर मोज़ूदगी मे अपनी जवानी की गर्मी घर मे मुझे पढ़ाने आने वाले टीचर से और मेरे चचेरे मामा से मिटवाती थी.

जब मे यह राज जान गयी तो मम्मी ने मुझे भी खुली आज़ादी दे दी और कहाँ की केवल चुनिंदा लोगो से ही मज़ा लो जो की खुद की इज़्ज़त बचाने के साथ-साथ हमे भी बदनाम ना करे, नही तो हम माँ बेटी किसी को मुहँ दिखाने के काबिल नही रहेगी.

फिर मैने कस कस कर धक्के मार कर उसकी चूत चोद रहा था. वो भी जवाब मे अपनी गांड उठा कर मेरा लंड झाड़ तक अपनी चूत मे लेते हुये बोली हम माँ बेटी की किस्मत ही खराब थी जो की तुम जैसा गबरू जवान मर्द घर मे होते हुये हम दोनो तरसती रही.

इसके बाद जब तक दीदी रही में रात दिन हीना दीदी को चोदता रहा. उसके जाने बाद अब बिना चुदाई एक रात काटना मेरे लिये भी असंभव सा लग रहा था, क्योकि ऐसी मस्त चूत खाकर मेरा लंड भी अब और चूत की चुदाई के लिये तरसने लगा. मैं संकोच के मारे हीना की मम्मी यानी की आंटी जी को चोदने से घबरा रहा था.

एक दिन हीना दीदी का फोन आया, और उसने मुझसे पूछा की तूने अब तक कितनी बार मम्मी को चोदा तो जब मेने कहाँ की मेने तो आंटी की तरफ देखा भी नही तो उसने माथा पीट लिया, और कहने लगी की अब क्या मे वहाँ आकर तेरे लंड को पकड़कर मम्मी की चूत मे डालूं ?

मे कुछ बोल नहीं पाया, तो उसने कहाँ की चल मम्मी से बात करा, मेने मम्मी को फोन दे दिया और मे कमरे से बाहर चला गया, मम्मी बहुत देर तक दीदी से बात करती रही. रात मे गर्मी कुछ ज़्यादा ही थी, इस कारण मे लूँगी और बनियान पहनकर टी.वी.

देख रहा था, की आंटी भी हॉल मे ही आ गयी और बोली की अंदर बेडरूम तो मानो भट्टी सा तप रहा है, मे भी यही कूलर की हवा मे सो जाती हूँ ऐसा कह आंटी ने मेरे बेड के पास ही अपना बिस्तर लगा लिया और सोने लगी.

निवार नाइट होने की वजह से मे भी काफी रात तक टी.वी. देख रहा था क्योकि अगले दिन रविवार  के कारण किसी बात की जल्दी नही होती और मे देर तक सोता रहता हूँ. तभी मेने गोर किया की आंटी जो की मेरे सामने ही ज़मीन पर बिस्तर पर सोये हुये थे, ने अचानक करवट ली और मादक अंदाज़ मे अपना हाथ अपने ब्लाउज मे डाल कर अपनी साड़ी के पल्ले को अपने सीने से हटा दिया.

फिर से वापस सोने का नाटक करने लगी, जब मेने आंटी की तरफ गोर से देखा तो मेने पाया की उन्होने अभी जो ब्लाउज पहना था उसका गला इतना छोटा था की उसमे से उनके आधे से ज़्यादा स्तन बाहर आ रहे थे जब उनका पल्ला सीने से हटा तो मे आंटी के ब्लाउज के हुको को देख अचरज मे पड़ गया उनके ब्लाउज के केवल तीन हुक लगे थे.

इसका मतलब आंटी को यह आइडिया हीना दीदी ने ही दिया होगा, मेने जब गोर किया तो पाया की ब्लाउज मे उन्होने ब्रा भी नही पहनी थी, की तभी आंटी ने फिर करवट बदली और इस बार अपने पेरो को ऐसे उठाया की उनकी साड़ी उनके घुटनो के ऊपर हो गयी और उनकी गोरी गोरी जाघ दिखाई पड़ने लगी.

एक तो टीवी पर चलती सेक्सी मूवी और ऊपर से मेरे इतने पास आंटी को इस हाल मे देख मेरा हाल बुरा हो रहा था, आंटी भी गर्मी के कारण बेचैन लग रही थी, तभी आंटी बोली की बेटा कूलर भी मानो आग उगल रहा है,पूरे कपड़े पसीने मे भीग रहे है. आप ये कहानी गुरु मस्तराम डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

नींद ही नही लग पा रही है, तो मे हिम्मत कर के बोला की आंटी एक काम करो, थोड़े कपड़े उतार लो, रात मे कौन देखता है, आप चाहो तो मे छत पर सो जाता हूँ, तो आंटी बोली की हाँ बेटा यही ठीक रहेगा, और तू भी यही कूलर मे सो जा, तुझसे कैसी शर्म, बस ज़रा लाइट बंद कर दे.

तब मेने तुरंत लाइट बंद कर दी और टीवी देखने लगा, तो आंटी उठी और उसने अपनी साड़ी खोल कर एक तरफ रख दी और सामने के बाथरूम मे पेशाब करने लगी, शायद उन्होने जानबुझ कर बाथरूम का दरवाजा बंद नही किया, मेने तिरछी निगाहों से देखा तो उनकी मोटी-मोटी गांड के दर्शन हो गये, जब वो वापस आई तो वो केवल पेटीकोट ब्लाउज मे सोने लगी.

और बोली विशाल बेटा, ज़रा मेरे पैरो मे तेल तो लगा दो तो में तेल की शीशी ले आया तो देखा उनका पेटीकोट तो पहले से ही घुटनो तक उठा हुआ था, मैने उनके पैरो पर तेल लगा कर मालिश करना शुरु किया तो वो बोली की हाँ अब आराम लग रहा है लेकिन सारा बदन दर्द हो रहा है तो मैने कहाँ की ऐसा करो आप उलटे लेट जाओं तो में आप की पीठ मे भी मालिश कर देता.

उन्होने ब्लाउज के सभी हुको को खोल दिया और उलटे लेट गये, अब में उनकी कमर पर तेल लगा कर मालिश करने लगा और बीच बीच मे मेरी हथेली उनकी चूचियों के साइड मे भी लग रही थी, इस उम्र मे भी आंटी के स्तन टाइट भरे हुये  और कड़क थे की मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ, में तेल लगाते लगाते उनकी कमर तक आ गया और फिर मेने उनके मुहँ से हल्की सी मादक आवाज़ सुनाई देने लगी और उन्होने अपनी आँखें बंद कर रखी थी.

अब उन्होने कहा दीनू बेटा ज़रा पैरो की पिंडली मे और तेल लगा दो यह कह कर वो पीठ के बल लेट गयी मैने देखा जब वो सीधी सोई थी तो उनके ब्लाउज के सारे हुक खुले थे और उनकी चुचियाँ उनकी साँसों के साथ ऊपर नीचे हो रही थी यह देख कर मेंरा लंड तो खड़ा होकर लूँगी से बाहर आने को बेताब हो गया फिर मेने भी मोका पाकर पैरो की मालिश करते करते पेटीकोट मे हाथ डालना शुरू कर दिया.

अपनी उंगलिया उनकी जाघो पर फिराते हुये उनकी टांगों को फैला दिया जिससे उनका पेटिकोट    थोड़ा ऊपर सरक गया और मुझे उनकी चूत के दर्शन होने लगे मैने देखा की चूत पर खूब घने काले-काले बाल दिख रहे थे फिर मैने हिम्मत करके उनकी चूत तो टच किया तो उन्होंने अपने पूरे बदन को कड़क कर हल्की सी उचक गयी लेकिन अपनी आँखें नही खोली.

फिर मैने धीरे धीरे उनकी चूत की दरारो को उंगली से सहलाना शुरु किया फिर मेने मोके की नज़ाकत को भाँप कर अपना एक हाथ उनके स्तनो पर रख उनको ज़ोर-जोर से मुठी मे भिचाने लगा, उनकी दोनो चुचियाँ कड़क होकर फूल गयी थी, और में  उनकी अंडर आर्म्स जिसमे घने बाल थे को चूमने लगा.

उनकी अंडर आर्म्स से आ रही मादक खुशबु ने मेरा लंड राड जैसा खड़ा कर दिया, अब उन्होंने मुझे अपने करीब सुलाते हुये मेरी लूँगी खीच कर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और उसे मुहँ मे लेकर ज़ोर-जोर से चूसने लगी, मैने भी उनको अपने सीने पर खीच कर उसकी चूत को खूब चूसा, अब तो सारी मर्यादाये छोड़ के निसंकोच आंटी की चूत चटाई करने लगा उनकी चूत इतनी टाइट लग रही थी मानो बरसो से प्यासी हो.

जब वो गरम हो गयी तो वो बोली विशाल बेटा, अब मुझसे रहा नहीं जाता. डाल दो तुम्हारा लोड़ा मेरी प्यासी चूत मे और मैने उनके पैरों को फैलाते हुये अपना लंड चूत मे डाल कर चोदना शुरू किया और करीब 20-25 मिनिट तक उन्हे चोदता रहा इस दरमियाँ वो 2 बार झड़ चुकी थी आंटी चुदवाते समय बड़ी अजीब सी गंदी-गंदी बातें और गालियाँ बोले जा रही थी.

जिसे मे भी अनसुना कर चुदाई का मजा  ले रहा था, वो बेटी से भी ज्यादा चुदकड़ महिला थी करीब रात 4 बजे तक मैने उनको 3 बार कई स्टाइल मे चोदा और 2 बार गांड भी मारी. सुबह जब उठा तो वो मेरे बगल मे बिल्कुल नंगी सोई थी और उनकी चूत मेरे मोटे और लंबे लंड के कारण फूल कर सूज गयी थी.



loading...

और कहानिया

loading...



मैने भाभी की तनकर चूद मे घुसायासेकसी कुतियाDesi sex video hd ladki shabboसेकस काहानिचेदाई की कहानीdesi sekash mubikamadog sex hindi storyMUMMY MOSI PAPA KA GROUP KI XXX HINDI KAHANIjawrdasti daru pila ke hindi storiesपहली बार लड़की को चोदना कपड़ा उतारकर अकेले मेंतू चूस मेरा लडाHandi sex storiantarvasna meri bhabhi ki chut pyasi bhai kamjorwww.hindi saxy story.comननदोई की सेक्स कहानियांkamukta comचुदाईINDIN ORT BATHRUM ME BATHRUM KRTE HUEx kahaniyasexcuthsexमस्तराम सेक्स कथाdevar bhabhi in hindiShy लडका व लडकी sex story archivehindi chavat katha aunty special sex story randi mom didi aur sadhubabawww.pooj.xxzxxvideoदीदी माँ भाई की कहानी बाटरूम में न्य क्सक्सक्स हिंदीसेकसि विडयोxxx.com.khaniya.hindixxx सेक्सी बिडीयो जबरी पकड़ के चोलाई की या mouse aur mummy sex story hindigay chudai kahanihindi sexual kahaniyaसास कामुकताbhan na bhai ka sath mani suajratमामी ने दुसरे मर्द से चुदवाया मेरे सामनेwww.pita ne beti ko bachapan se pelta aa raha hai hindi sex kahani.comjabardasti samuhik chudayi hindi writing sexy story by pron stories.comma xxx khaniyaGhar par jab koi nahi tha to bhai na ma aur bhan ko chuda story urdu maJanarjasti meri chidae kichacha/jija se seal tudwai kamukta.comkhet me hugne bethe sex story hindikamsutra katha in hindixxx maa ki gadh dhekhiBUR.KI.CHODAI.KA.PHUL.RAINGIN.VIDIOमुठ मारनाxxx vodp hdXXX HISTORY KHAALAAntarvasna pesab kahaniwww.momandsonxxxstory.comMaa ne mera land 12inch ka kiya ki khani in Hindi हिन्दीसेकसीसटोरी रिस्ता मेkamukta kahaniwww.kamukta.dot comsexy kahineiss hindi storiessex 2050 kahni gals ko dogi se chodiप्यारी दोस्त की चुदाईhindi adult kahaniyawwwxxx com गांव की सुहागरातmuhu ko chodana porn tvWww didi ko land diya storyरिश्तों में क्सक्सक्स स्रोतीmaa bete ki sexy chudai wali kisse Hindi mein padhneछोटी साली पायल कि गाड मारी तेल लगाकर लाल कर दी सेक्स विडीयोmastram comhindisaxi storysaxxy khaniyaantarvasna birthdayristo me chudai ki hindi khaniyaxxxkahanihindisex hindi kahaniyahindisxestroynada.khol.madarchodmeri chhoti si chut me bhai ne musal jaisa pel diya kahanixxx स्वैपिंग माँ हिंदी कहानीMoti gand wale didi ki chodi hindi x storzdevar ne kiya mere sat ganda sex mut pike meramere shsur ne mujhe chodh dalaबस में उसका लन्ड मेरी पैंटी तकpiysi darjan hindi xxx videoxxxindian sexy storiesसविता भाभी सेक्स ऐप ६५maa ko choda kichan me chaudai kahaniyakamukta dot comgao ki bur land ki mastram ki hindi sexy story freekamuktaपती ने दो दोसतो से अपने सामने hinde xxx.comWww.xxx.babi.ke.chodi.kahaniwife padosi house xxx storyमाँ बेटी लेस्बियन xxx कहानियाँhindixxxvideosakcAntarvasnasexy momभतीजी ने पिलवायाpyasi chut me safed virya dala