क्रिकेट के बाद चूत के मैदान में मैच
आज मैं आपको सोनी की खरी चूत चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ और मुझे उम्मीद है यह कहानी आपको खूब पसंद आएगी | दोस्तों सोनी मेरे सामने के मौहल्ले में रहा करती थी जान मैं क्रिकेट खेलने जाया करती थी और क्यूंकि उस्भी क्रिकेट में दिलचस्पी थी तो वो हमेशा अपने घर की बालकोनी से हमारा मैच देखा करती थी | अब मैं भी उसे ताका करता था और जब हमें छक्के मारता था तो साथ में उसे भी आँख मार दिया करती था जिसपर वो भी मुस्का दिया करती थी | ज़ाहिर तौर पर वो भी मुझसे पसंद करती थी और कई दिनों तक हमारी इसी तरह इशारों ही इशारों ही में बातें होने लगी और एक दिन मौका आ ही गया जब मैं उससे मिलने वाला था |
एक दिन मैंने उसे इशारे में क्रिकेट खेलते वक्त नीचे बुलाया और वो कुछ देर में आ भी गयी | मैं वही मैदान के एक कोने में उससे बता करने लगा और वो भी मेरे मैदान के प्रदर्शन के बारे में तारीफ़ झाड रही थी | मैं सातवें आसमान पर पहले से ही था और अब उसे चोदने के लिए और भी उतावला होता जा रहा था | उसकी कामुक मुस्कान और नशीली आँखें मजबूर रही थी | तभी मैंने उसे कहा की मैदान के पीछे झाडियों में मैं उसके दिखाना चाहता हूँ और वो भी चल डी | वहाँ जाते ही मैंने उसे एक फुल तोड़कर दे दिया और कहा की मैं उससे प्यार करने लगा हूँ | वो शरमाई और मैं उसे बेतहाशा तरीके से पुरे चेहरे पर चूमने लगा |
हमारे चुम्मों बहुत दम था की आज ही सारा एक बार में कांड आगे बढ़ता चला गया | सोनी मेरी बाहों में चिपकी हुई थी और मैं अब तक उसके चुचों को मसल रहा था | हम दोनों का उतावलापन बढ़ता ही जा रहा तह और तभी मैंने उसे वहीँ झाडियों में लिटा डाला और उसकी कुर्ती सलवार उतार पूरी नंगी कर दिया | वो भही चुदने के लिए दीवानी होती जा रही थी और अब मैंने भी अपनी उंगली उसकी चूत में डालते हुए अंदर बाहर करने लगा और उसकी चूत का निकल गया | मैंने अपने लंड के सुपाडे उसकी चूत के मुहाने पर टिकाया और एक मस्त वाला धक्का लगाया जिससे उसकी चींख निकल पड़ी |मैं रुकने वाला नहीं तह और अब भी ज़ोरों से धक्के पेलने लगा |
अब सोनी की चूत से खून बहने लगातो मुझे न चाहते हुए भी रुकना पड़ा और फिर वहीँ झाडियों से उसका साफ़ किया और फिर उसकी चूत पर लंड को रगड़ते हुए झटके देने लगा | वो मज़े ले रही थी इस बार और जोर जोर से चोद मुझे . .और चोद मुझे . .!! कहकर चिल्ला रही थी | मैंने अज तक क्रिकेट में चक्का लगाने के लिए इतना जोर नहीं लगाया जितना अभी मैं इसकी चूत पेलने में अपने लंड का लगा रहा था | उसकी चींखें और मुझे और जोश दिलाती ही गयी और लगातार उसकी चूत में अपने लंड के चक्के छुड़ाता रहा | मैं भी अब कुछ देर बाद इतना थकक गया की रहत भरी सांस लेटे हुए वहीँ अपने मुठ को छोड़ लेट गया | अब जब भी रोज मेरा क्रिकेट मैच खतम हो जाया करता तो सोनी नीचे बुलाता और वहीँ झाडियों में उसकी चूत को पेल चेन की सांस लेता था |
और कहानिया
- आंटी की चूत चोदी और गाण्ड मारी (Aunty Ki Chut Chodi Aur Gand Mari)
दोस्तो, मेरा नाम सागर है, मैं पुणे का रहने वाला हूँ.. अंतर्वासना पर यह मेरी पहली... - मौसी की चूत चुदाई दिल्ली की सर्दी में (Mausi Ki Chut Chudai Dilli Ki Sardi me)
हैलो दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है जो मैं आप को बताने जा रहा हूँ। मेरा नाम साह... - दोस्त की बहन का इलाज
सबसे पहले मैं आप सभी को अपना परिचय दे दूँ I मेरा नाम मनोज है। उम्र लगभग 40 साल औ... - कुंवारी लड़की की तरसती हुई चुत की चुदाई
मेरी घर के सामने वाले में एक लड़की रहती थी जो मेरे स्कूल में ही पड़ती थी. वो मुझसे...