दोस्तों में बीस साल की एकदम गोरी चिट्टी लड़की हूँ. मेरे फिगर का आकार 34-24-34 है भाई के दोस्तों से एक साथ चुद गई – कविता

 
loading...

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कविता है. आज में अपनी एक सच्ची घटना के बारे में बताने यहाँ आई हूँ और अब जो में कहानी आप लोगों को बताने जा रही हूँ यह मेरे साथ तब घटी जब मुझे सेक्स के बारे में इतना कुछ पता नहीं था, लेकिन उसके बाद मुझे बड़ा दुःख हुआ और अब में इस काम में बहुत अनुभवी हो चुकी थी. मुझे अपनी पहली चुदाई के समय बुरा तो बहुत लगा, लेकिन फिर मुझे भी उस ज़ोर जबरदस्ती में मज़ा आने लगा और अब आगे आप ही पढ़कर उसके मज़े ले.

दोस्तों में बीस साल की एकदम गोरी चिट्टी लड़की हूँ. मेरे फिगर का आकार 34-24-34 है. मेरी आंखे भूरी रंग की बहुत नशीली है और मेरी लम्बाई 5.5 इंच है. दोस्तों मेरे पापा और भैया मुंबई में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते है और मम्मी भी नौकरी करती है. उनके चले जाने के बाद तो में अपने कॉलेज या घर में अकेली रहती हूँ. यह दो महीने पहले की बात है, उस दिन मम्मी को जल्दी सुबह उठकर अपनी नौकरी के लिए जाना था, हमारी वो नौकरानी ही हमारे लिए नाश्ता और दोपहर का खाना बनाती थी. रात का खाना हमेशा मेरी मम्मी ही बनाती थी.

उन दिनों मेरे बी.टेक पहले साल के पेपर खत्म हो चुके थे, इसलिए में अब बिल्कुल फ्री हो चुकी थी. फिर उन्ही दिनों मेरा भैया का एक बहुत पक्का दोस्त शेरू मुंबई से दिल्ली अपने कुछ काम की वजह से आया हुआ था और उसके साथ उसके तीन दोस्त भी थे. उन तीनों का नाम विजय, केसरी और हरी था. फिर कुछ ही दिनों में हम सभी आपस में बहुत घुल चुके थे और हम सभी सारा दिन हंसी मज़ाक किया करते थे.

एक दिन अचानक मम्मी ने मुझसे कहा कि मुझे अपनी दोस्त के साथ कानपुर जाना है, तब शेरू ने उनसे कहा कि चाची हम लोग नहीं जाएँगे चाहे तो आप चली जाओ, तब तक कविता भी हमारे साथ ही रह लेगी. फिर मैंने भी उनकी वो बातें सुनकर कहा कि हाँ मम्मी मुझे नहीं जाना तुम ही चली जाओ, में यहीं रहूंगी. मम्मी ने कहा कि ठीक है कमला भी यहीं तुम्हारे पास रहेगी. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है.

दूसरे दिन मेरी मम्मी पूरे तीन दिन के लिए कानपुर चली गयी, उस दिन मैंने लाल रंग का टॉप और काले रंग की स्कर्ट पहनी हुई थी, विजय ने मुझे देखा और वो मुझसे कहने लगा कि क्या बात है तुम आज बहुत ही सेक्सी लग रही हो? में उसके मुहं से यह बात सुनकर हंस पड़ी और फिर मैंने ध्यान से देखा कि उन सभी की नज़र मेरे बूब्स पर थी, इसलिए में अब थोड़ा सा शरमा गयी और इतने में कमला ने आवाज देकर कहा कि खाना तैयार है, तुम सब आ जाओ और खाना खा लो. फिर हम सभी ने साथ में बैठकर खाना खा लिया और खाना खाने के बाद कमला ने मुझसे कहा कि आज मुझे किसी काम की वजह से घर जल्दी जाना है, में रात को आकर खाना बना दूँगी. फिर शेरू ने उससे कहा कि कोई बात नहीं है, रात को हम लोग घूमने बाज़ार जा रहे है और इसलिए रात का खाना हम लोग बाहर ही खा लेंगे, तुम कल सुबह तक वापस आ जाना, यह बात सुनकर कमला बोली कि हाँ ठीक है और फिर कमला चली गयी.

अब में एकदम हैरान हो गयी और में शेरू की तरफ देखने लगी, शेरू मुझसे बोला कि इसमे हैरान होने की कोई बात नहीं है, आज रात भर हम लोग बड़े मज़े करेंगे, मुझसे यह बात कहकर शेरू ज़ोर से हंसने लगा और साथ ही साथ उसके तीनो दोस्त भी हंसने लगे, लेकिन मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. में कुछ बातें सोचती हुई अपने रूम में चली गयी और अपनी एक किताब को उठाकर अलमारी में रखने लगी.

तभी उसी समय मेरे पीछे से शेरू भी मेरे रूम में आ गया और वो किताब को ऊपर रखने में मेरी मदद करने लगा, में किताब को रख ही रही थी कि वो भी मेरे पीछे से आकर किताब को रखने लगा और तब मुझे एहसास हुआ कि कोई चीज़ मेरे कूल्हों को छू रही है, यह शेरू का ही बदन था वो अपना लंड मेरी गांड से घिस रहा था और मुझे उसके लंड का स्पर्श अंदर से बहुत अच्छा लग रहा था, लेकिन मैंने इस बात का उसको अहसास नहीं होने दिया. फिर शेरू ने मुझसे कहा कि आज हम लोग फिल्म देख रहे है और तुम भी हमारे साथ चलकर फिल्म देखो.

दोस्तों में भी फिल्म की बहुत शौक़ीन थी, इसलिए में झट से शेरू के साथ उस बेडरूम में चली आई और उसके बाद केसरी ने सीडी को चालू कर दिया. फिर कुछ देर बाद मुझे देखकर पता चला कि वो एक इंग्लीश ब्लूफिल्म थी, इसलिए में उस ब्लूफिल्म को देखकर घबरा गयी और उसी समय शेरू ने मुझे अपने पास आकर बैठने को कहा, लेकिन में वापस भागकर अपने रूम में चली गयी. अब मेरे पीछे पीछे विजय भी मेरे रूम में आ गया और आते ही उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से वो मेरे बूब्स को दबाने लगा. उसके यह सब करने से में चिल्ला उठी. अब उसने मेरे गाल पर मुझे दो थप्पड़ मार दिए.

उसके बाद वो मुझे अपनी गोद में उठाकर शेरू के बेडरूम में ले आया और बेड पर लेटा दिया, तब मैंने फिर से उठकर भागने की कोशिश की, तभी हरी ने दौड़कर बेडरूम का दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया और अब शेरू ने मुझसे कहा कि कविता तुम अब यह नाटक बंद करके हमारे साथ सेक्स के मज़े करो और अगर तुम अपनी मर्जी से नहीं करोगी तो हम लोगों को करवाना भी बड़ी अच्छी तरह से आता है. अब में यह बातें सुनकर डर की वजह से बुरी तरह से कांप रही थी और उसी समय हरी ने मुझे वापस बेड पर खींच लिया और उसने ब्लूफिल्म को चालू कर दिया.

तब तक विजय अपनी शर्ट को उतार चुका था. उसके बाद केसरी ने मेरे टॉप को निकाल दिया और विजय ने मेरी स्कर्ट को एक ही झटके से उतारकर मेरे बदन से अलग कर दिया, जिसकी वजह से अब में उन सभी के सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. शेरू, केसरी, विजय और हरी अब सिर्फ़ अंडरवियर में ही थे और वो सभी बेड पर आ गये और में उनके बीच में लेटी हुई थी. अब शेरू ने मुझे पकड़कर किस करना शुरू किया और थोड़ी देर तक किस करने के बाद उसने मेरी ब्रा की हुक को खोल दिया, जिसकी वजह से अब मेरे बूब्स एकदम आज़ाद हो चुके थे.

हरी ने मेरे एक बूब्स को चूसना शुरू किया और शेरू ने भी मेरे दूसरे बूब्स को चूसना शुरू किया. दोस्तों में उनसे बार बार आग्रह कर रही थी कि प्लीज मुझे अब छोड़ दो, लेकिन उन्होंने मेरी एक ना सुनी और मेरे दोनों बूब्स को वो दोनों किसी छोटे बच्चे की तरह चूसते हुए दबा रहे थे, जिसकी वजह से कुछ देर बाद मेरे अंदर का जोश धीरे धीरे जागने लगा था. मुझे उनका वो सब करना अच्छा लगने लगा था, लेकिन जब मुझे होश आता तब मेरा मन कहता कि यह सब गलत है मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए, लेकिन में यह बातें सोचकर भी शांत ही रही और थोड़ा बहुत विरोध बार बार करती रही.

अब केसरी ने एक झटके से मेरी पेंटी को उतार दिया, जिसकी वजह से अब में एकदम नंगी हो चुकी थी. उसके बाद केसरी ने अपने एक हाथ से मेरी कुंवारी चूत को सहलाना शुरू किया और विजय ने अपनी अंडरवियर को उतार दिया और विजय का लंड देखकर तो मेरी सांसे अटक गयी. फिर उसने मुझसे कहा कि तुमको मेरा यह लंबा और मोटा लंड पूरा आज अपनी इस कुँवारी चूत के अंदर लेना पड़ेगा और में यह बात उसके मुहं से सुनकर एकदम डर गयी और मन ही मन सोचने लगी कि यह इतना बलशाली लंड मेरी छोटी चूत के अंदर जाएगा कैसे, मुझे इसकी वजह से कितना दर्द होगा? इन्ही बातों ने मेरा पसीना छुड़ा दिया. में बिल्कुल घबरा गई और मेरा पूरा चेहरा लाल हो चुका था. फिर मेरे देखते ही देखते वो सभी एकदम नंगे हो चुके थे और उन सभी का लंड एक से बढ़कर एक था.

अब हरी ने हंसते हुए मुझे कहा कि साली आज यह चार लंड तेरी चुदाई करने के लिए बहुत बेताब है, तुझे इन सभी का मज़ा मिलने वाला है तू कितनी किस्मत वाली है जो पहली बार ही चार लंड लेने जा रही है. अब विजय ने जबरदस्ती अपने लंड को मेरे मुहं में डाल दिया और वो मेरे एक बूब्स के साथ खेलने लगा. तभी थोड़ी ही देर के बाद उसने मेरे मुहं में अपना लंड हल्के धक्के देते हुए अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और अब केसरी किसी पागल कुत्ते की तरह मेरी चूत को अपनी जीभ से चाट रहा था. में भी अब पूरी तरह से जोश में आ चुकी थी और मुझे भी उनके साथ यह सब करके बड़ा मज़ा आने लगा था.

फिर हरी और शेरू ने मुझसे अपना लंड सहलाने को कहा और में उन दोनों का लंड बिना किसी विरोध के सहलाने लगी. उधर विजय मेरे मुहं में ही एक बार झड़ चुका था. मैंने उसका वीर्य अपने मुहं से बाहर थूकना चाहा, लेकिन उसने मुझे थूकने नहीं दिया और वो मुझसे कहने लगा कि तुम यह सारा पानी पी जाओ. फिर मैंने डर की वजह से उसके लंड का सारा पानी पी लिया, शेरू अभी भी मेरे बूब्स को मसल रहा था. उसके हाथों का स्पर्श मेरे जिस्म को गरम करने का काम कर रहे थे.

अब विजय ने अपना लंड मेरे मुहं से बाहर निकाला और उसके बाद वो मेरी जीभ को चूसने लगा. उसने अपने एक हाथ से मेरे सर को सहलाना शुरू किया, जिसकी वजह से में और भी ज़्यादा गरम हो गयी और मेरी चूत से अब पानी निकल रहा था. दोस्तों वो सभी अपने अपने काम को बड़े मन से कर रहे थे वो बड़े अनुभवी थे और फिर केसरी ने पूछा कौन सबसे पहले कविता की चुदाई करेगा? तब हरी ने कहा कि यह शेरू के दोस्त की बहन है इसलिए शेरू ही सबसे पहले कविता की कुँवारी चूत की चुदाई करेगा, यह उसका हक है. अब शेरू यह बात सुनकर खुश होता हुआ मेरे पास आ गया और उसके बाद विजय ने मेरे एक बूब्स को और हरी ने मेरे दूसरे बूब्स को चूसना सहलाना शुरू कर दिया और केसरी अपना लंड मेरे मुहं में डालकर अंदर बाहर कर रहा था और उसी समय शेरू ने नीचे झुककर मेरी चूत को अपनी जीभ से किसी भूखे कुत्ते की तरह चाटना चूसना शुरू कर दिया.

दोस्तों मेरा पूरा जिस्म एक साथ चार लड़को से घिरा हुआ था और वो सभी मेरे बदन को अपने काम से गरम किए जा रहे थे. में जोश और मस्ती के सातवें असमान पर पहुंच चुकी थी और में जोश में आकर सिसकियाँ लेते हुए आहह ओह्ह्ह्ह स्सीईईईई वो आवाजे निकाल रही थी और थोड़ी देर तक मेरी चूत को चाटने के बाद शेरू ने अपना सात इंच का लंड मेरी चूत के बीच में रखा और उसको अंदर दबाना शुरू किया, कुँवारी होने की वजह से मेरी चूत बहुत ही टाइट थी, इसलिए शेरू ने जैसे ही थोड़ा सा अपना दम लगाया तो मुझे बहुत तेज़ दर्द हुआ और में दर्द की वजह से चिल्लाने लगी.

फिर हरी ने मेरा दुःख समझकर शेरू से कहा यार थोड़ा धीरे धीरे डालो यह अभी कुँवारी है और इसकी चूत बहुत टाइट है देखो इसको बहुत दर्द हो रहा है यह मर जाएगी. अब शेरू ने एक हल्का सा धक्का दिया तो उसका लंड मेरी चूत में एक इंच अंदर चला गया, लेकिन मेरी तो दर्द की वजह से ऊउईईईईईइ आईईईइ माँ मर गई चीख निकल गयी और मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे किसी ने गरम लोहा मेरी चूत में जबरदस्ती पूरा अंदर डाल दिया गया हो.

अब हरी ने बिना देर किए मेरे होठों को अपने होंठों से जकड़ लिया, जिसकी वजह से मेरी आवाज़ बाहर ना निकले और में दर्द से लगातार छटपटा रही थी, क्योंकि यह ऐसा दर्द मुझे पहली बार हुआ था, जो कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था. जैसे आज मेरी चूत को किसी ने चीरकर उसमे जलन को पैदा कर दी थी. बड़ा ही अजीब दर्द मुझे हुआ, जिसको में किसी शब्दों में नहीं बता सकती. अब शेरू ने कुछ देर रुकने के बाद एक बार फिर से ज़ोर लगाया, जिसकी वजह से उसका लंड तीन इंच अंदर चला गया.

मुझे बहुत तेज़ दर्द होने लगा और में चिल्लाना चाहती थी, लेकिन हरी ने अपने होठों से मेरे होठों को सील कर रखा था, इसलिए में चिल्ला ना सकी और में अब रोने लगी थी और मेरी आखों से आँसू बहने लगे. मैंने छूटने की नाकाम कोशिश को करना शुरू किया, लेकिन में सफल नहीं हुई और एक को छोड़कर बाकि के मेरे दर्द को कम करने के लिए मेरे पूरे जिस्म को सहला रहे थे. अब शेरू ने मुझे ठंडा होता हुए देखकर एक बार फिर से ज़ोर लगाया. मुझे लगा जैसे कि अब मेरी जान ही निकल जाएगी और उसका लंड मेरी चूत के अंदर पहले से ज्यादा घुस चुका था और जबरदस्ती धक्के की वजह से मेरी चूत से खून भी निकल आया.

फिर शेरू मेरी हालत को देखकर अब थोड़ी देर रुका रहा और फिर उसने अचानक से दोबारा एक ज़ोरदार धक्का मार दिया, जिससे मुझे बहुत तेज़ दर्द हुआ और यह दर्द मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था. वो बड़ा अजीब सा था, क्योंकि शेरू का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका था, क्योंकि में उसके दोनों आंड को अपनी जांघ के पास छूकर महसूस कर रही थी. अब शेरू ने रुककर मेरे बूब्स को मसलना शुरू कर दिया और जब में कुछ शांत हुई तो उसने अपना लंड धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से में फिर से चिल्ला उठी और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई चाकू से मेरी चूत को काट रहा था.

शेरू ने मुझसे कहा कि तुम बिल्कुल घबराओ मत, अभी थोड़ी देर में यह सब ठीक हो जाएगा और तुमको भी बड़ा मज़ा आएगा. फिर इतना कहने के बाद से शेरू ने अपने धक्को की स्पीड को बढ़ा दिया, जिसकी वजह से मुझे एक बार फिर से दर्द होने लगा, लेकिन थोड़ी देर तक चुदवाने के बाद मेरा दर्द भी अपने आप कम हो गया और मुझे अब मज़ा आने लगा था. मेरे मुहं से अब सेक्सी आवाजे निकलने लगी और जोश की वजह से मेरे अंदर एकदम आग सी लग चुकी थी, इसलिए मैंने भी अब शेरू का साथ देना शुरू कर दिया. फिर शेरू ने यह सब देखकर खुश होते हुए अब बहुत तेज़ी के साथ मेरी चुदाई करना शुरू कर दिया था. करीब 15 मिनट तक मुझे वैसे ही चोदने के बाद शेरू चिल्लाया ऑश कविता में आह्ह्ह झड़ रहा हूँ और में अपनी गांड को उठा उठाकर शेरू से अपनी चुदाई करवा रही थी.

दोस्तों मैंने कभी किसी के साथ अपनी चुदाई का यह खेल नहीं खेला था, इसलिए में अब तक उसका मतलब ठीक तरह से नहीं समझ सकी और मुझे क्या पता था कि इस खेल को खेलने के बाद इतना मज़ा भी आता है और तभी मेरी चूत में शेरू के लंड से कुछ गरम गरम सा निकलने लगा और साथ ही साथ मेरी चूत ने अपना वीर्य निकालना शुरू कर दिया. मुझे यह पानी महसूस करने से बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था. में अब ख़ुशी के सातवें आसमान पर थी और ढेर सारा वीर्य मेरी चूत में निकालने के बाद शेरू ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और वो मुझसे दूर हट गया.

दोस्तों में अभी ठीक तरह से संभल भी नहीं सकी थी कि केसरी ने मेरे दोनों पैरों को पूरा खोलकर मेरी चूत में एक झटके से ही अपना आधे से ज़्यादा लंड डाल दिया. मुझे थोड़ा सा दर्द जरुर हुआ, लेकिन मुझे अब मज़ा भी बहुत आ रहा था. केसरी ने फिर एक ज़ोरदार धक्का मारा और अपना सारा लंड मेरी चूत के अंदर घुसा दिया. उसके बाद केसरी ने बड़ी तेज़ी के साथ मेरी चुदाई करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में भी उसका साथ देने लगी थी. उस समय शेरू मेरे बूब्स को मसल रहा था और उसने मुझे चूमते हुए कहा कि वाह कविता तू तो बहुत ही जल्दी चुदाई करवाना सीख गयी. देख अब तुझे भी इस काम में बड़ा मस्त मज़ा आने लगेगा. उधर विजय मेरे मुहं में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था और केसरी तो मेरी गरम गीली चूत को चोदते हुए एकदम पागल सा हो चुका था और वो अपनी पूरी ताकत के साथ बहुत ही तेज़ी से मुझे चोद रहा था, जिसकी वजह से मेरा पूरा बदन हिलने लगा था.

फिर करीब दस मिनट तक एक जैसे धक्के देकर चुदाई करने के बाद वो भी झड़ गया, लेकिन में अभी भी उतनी ही गरम थी और उस चुदाई के दौरान में दो बार पहले ही झड़ चुकी थी. फिर केसरी के पीछे हट जाने के बाद हरी ने मुझे चोदना शुरू किया. मैंने महसूस किया कि हरी का लंड उन सभी के मुक़ाबले पतला और आकार में भी छोटा था. उसका लंड केवल पांच इंच का था. अब हरी ने भी जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर मुझे चोदना शुरू किया.

में हर धक्के से बड़े मस्त मज़े लेकर उससे चुदवा रही थी और उसका साथ भी दे रही थी. अब विजय मुझे चूम रहा था और वो मेरे बूब्स को भी मसल रहा था कुछ सेकिंड के बाद हरी ने अपनी स्पीड को पहले से भी तेज कर दिया, जिसकी वजह से में एकदम मस्त हो गयी और में अपने कूल्हों को उठा उठाकर उसका साथ देने लगी थी. फिर करीब दस मिनट तक चोदने के बाद हरी भी मेरी चूत के अंदर ही झड़ गया और हरी से चुदाई करवाने के दौरान में केवल एक बार ही झड़ी. अब विजय से चुदाई करवाने की बारी थी, विजय मेरे दोनों पैरों के बीच में आ गया और उसने मेरे दोनों पैरों को पूरा फैला दिया, मेरी चूत अपना मुहं खोलकर विजय का मोटा लंबा लंड देख रही थी.

फिर उसने अपना मोटा और लंबा लंड मेरी चूत के मुहं पर रख दिया और उसके बाद उसने मेरी कमर को पकड़कर जैसे ही एक धक्का लगाया तो मुझे बहुत दर्द होने लगा, जिसकी वजह से में फिर से चीख पड़ी, उसका आधा लंड अभी भी बाहर ही था. फिर उसने एक ज़ोर का धक्का मारा, लेकिन फिर भी उसका पूरा लंड मेरी चूत में नहीं गया. में दर्द से एकदम बेहाल होने लगी थी और उस समय शेरू केसरी और हरी मेरे बूब्स को मसलने में मस्त थे.

अब विजय ने फिर से मेरी चूत में अपना पूरा लंड डालने की एक नाकाम कोशिश की, लेकिन उसका लंड मेरी चूत में नहीं घुसा और विजय ने मुझे बिना लंड निकाले ही उठा लिया और वो खुद नीचे लेट गया में अब उसके ऊपर थी. अब शेरू, केसरी और हरी ने मुझे ज़ोर से पकड़कर विजय के लंड पर दबा दिया ऐसा करने से उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर चला गया और में दर्द की वजह से चिल्लाने लगी, लेकिन फिर भी उन तीनों ने मुझे ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया उनके ऐसा करने से विजय का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर बाहर होने लगा था और थोड़ी ही देर के बाद मेरा दर्द बिल्कुल खत्म हो गया और मुझे बहुत मज़ा आने लगा.

फिर कुछ देर तक इसी तरह करने के बाद विजय ने मुझे कुतिया स्टाइल में कर दिया और वो मुझे चोदने लगा. वो मुझे बहुत ही तेज़ी के साथ धक्के देकर चोद रहा था और नीचे से वो मेरे बूब्स को भी मसल रहा था. में विजय के साथ चुदाई करवाने में सबसे ज़्यादा मज़ा ले रही थी, क्योंकि विजय से लगातार चुदवाते हुए मुझे करीब बीस मिनट हो चुके थे और में इस बीच दो बार झड़ चुकी थी, लेकिन वो था कि अब भी झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था.

फिर करीब 15 मिनट और चोदने के बाद वो मेरी चूत में ही झड़ गया और साथ ही साथ में भी एक बार फिर से झड़ गयी और में एकदम थककर चूर हो चुकी थी. अब विजय ने अपने लंड को मेरी चूत से बाहर निकाला और में उसके लंड को चाटने लगी. मेरी चूत अभी भी दर्द कर रही थी और मैंने विजय का लंड चाट चाटकर एकदम साफ कर दिया और उसके बाद में उठकर बाथरूम में चली गयी. बाथरूम से आने के बाद हम सभी वैसे ही पूरे नंगे आराम करने लगे.

फिर शाम के करीब चार बजे में किचन में जाकर चाय बनाने लगी तभी शेरू मेरे पीछे आ गया उसने मुझे किचन में ही कुतिया की तरह बैठा दिया और वो वहीं पर मेरी चुदाई करने लगा, इस बार मुझे शेरू से चुदाई करवाने में बहुत मज़ा आ रहा था और करीब 15 मिनट के बाद शेरू मेरी चूत में झड़ गया और इतने में केसरी भी किचन में आ गया और उसने भी मुझे बिना कोई मौका दिए चोदना शुरू किया जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरी चुदाई की भूख और भी बढ़ गयी. फिर करीब 20 मिनट तक चोदने के बाद केसरी भी मेरी चूत में ही झड़ गया. अब तक में तीन बार झड़ चुकी थी कि तभी वहाँ हरी भी आ गया और उसने भी मेरी चुदाई करना शुरू कर दिया. उसने भी मुझे 25 मिनट तक तेज दमदार धक्के देकर चोदा और वो भी मेरी चूत में झड़ गया.

में एक बार फिर से झड़ गयी. फिर उन तीनों के बाहर चले जाने के बाद मैंने चाय बनाई और में किचन से बाहर आ गयी. मेरी भूख अभी भी पूरी तरह से शांत नहीं हुई थी और चाय पीने के बाद में विजय का लंड चूसने लगी, जिसकी वजह से थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से तनकर खड़ा हो गया. उसने मुझे कुतिया स्टाइल में बैठाकर चोदना शुरू कर दिया और में बड़े मज़े ले लेकर विजय से अपनी चुदाई करवा रही थी.

फिर विजय ने मुझे करीब 45 मिनट तक चोदा और फिर वो भी झड़ गया. विजय से चुदाई के दौरान में तीन बार झड़ चुकी थी और अपनी मम्मी के आने तक मैंने उन सभी के साथ मिलकर करीब बीस बार चुदाई के हर तरह से मज़े लिए और हर बार की चुदाई के बाद मेरी भूख कम होने की जगह पहले से ज्यादा बढ़ जाती. में उन सभी के लिए एक अनुभवी रंडी बन चुकी थी, जिसको वो जब चाहे जहाँ चाहे वैसे अपनी मर्जी से चोदकर अपने लंड को शांत करते जा रहे थे, लेकिन उनके यह सब करने से मेरी आग बढ़ती ही गई.

मुझे और भी लंड चाहिए थे, मेरी चूत अब पूरी तरह से खुलकर भोसड़ा बन चुकी थी, जिसमे कितने भी मोटे लंबे लंड का अब कोई असर नहीं था, बस में धक्के खाकर चूत की खुजली को शांत करती रही और वो मेरी प्यास को बढ़ाते चले गए. दोस्तों फिर मेरी मम्मी के आ जाने के बाद यह सब बिल्कुल बंद हो गया, ना उन लोगों ने मुझे चोदने के बारे में कहा और ना ही में तैयार थी, मुझे बस अब अपने जिस्म को अपने वश में करना था और पांच दिन बाद वो सभी अपने घर वापस चले गये. में आज भी वो दिन नहीं भुला सकती, मैंने उनके साथ अपने जीवन के सारे मज़े बस उन्ही दिनों में ले लिए थे.



loading...

और कहानिया

loading...
6 Comments
  1. SATISH KULKARNI
    October 27, 2017 |
  2. rakehs
    October 27, 2017 |
  3. October 27, 2017 |
  4. October 27, 2017 |
  5. October 28, 2017 |
  6. October 28, 2017 |


kamukta.comkamkuta anti hindi sex khata.commaa ki madad se samnevali aunty ko choda hindi sex storygay chudai kahanima ko chod rha tha bahan achanak aa gyi xvideo.comhindi real stories of porn sex chudaii khanipariwar me chudai ke bhukhe or nange logभैया ने चूची मसलाpublic sex hindi kahaniRahul ne Malish karte huy apni Maa ko choda video hindi aunty ki jubani sex kahanikamuktahindi ma saxe khaneyaWWW.KAMUKTA.COMwww buachodan comचूत की चुदाई मिल बाट करhindi sexy stroeskamukta hindi audiobhatije ne ki merichudaiantarvasna khaniyakahani xxxbtiji.ko.cooda.doosto.ke.saat.khanichudai ki story in hindibhabhi ki chuthonde vexeoschutphotokahanixvideo hindi larki keat sexmeri Randi maa mere ne mere ko chodna sikhaya hindi sex storyअच्छी मसत सेक्स कहानी antarwasba desi pati pati desi ghar ki didi ki purs me condom mila sex storesमुत पिलाके चुदवाया राज शर्मा कामुक कहानियाhindi.sasu.maa.damad.sex.kahani.sex kahani hindi me bahan ko tati karateBIVTIFOL KAMUKAT COMKamukta.com roomsharewww.antrwasnasexstories.comma ne beti ko chodne ki vinti kiदोसत से बहन को चुदबा दीआकम्प्यूटर सेन्टर आयी नयी नयी माल और उसके दोस्त की चुदाई की ब्ररा निकालते हुऐ XXX विडियोववव क्ष नौकर मालकिन गर्ल चुड़ै पेज व् कॉमsexkehani,inchodan dada poti sex storyछोटी सी ऊमर मे चूत की सील तुडवाईhindi.reandi.seraf.gand.ki.marne.xxxmuvie.dost ke sadh lesbin sexi strorijabrdastee salee ko choda xxx pron tvhot sex stories. land chut chudayi sex kahaniya dot com/hindi-font/archivebfkahaniinwww.garryporn.tube/page/www.-%E0%A4%AC%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A5%80-bp-%E0%A4%B9%E0%A5%89%E0%A4%9F-484351.htmlmom ko skuty clana shikhay fir chudaiभाई ने वहन को चोदकर वेहोस किया sexey storyछोटी।लड़की।की।चूदाई।काहानीयाantarvasna junagadhsardi ke din me bus me chudwa liya indian marathi sex kathakamukta mene police wale che chudvaya hindi sex storyझाटो वाली चूत चोदाई कहानीxxx a bf फोटो काहानीसेक्सकाहनी बेटे के सामनेमस्तराम सेक्स स्टोरी स्टेप माँनँगाशेकसmoti moti gand yumdidi ke chout ke bal dekhe hindi sex storimastram behan seduce storyसेक्सी कहानी च**** की बुआ मम्मी मौसी का की बहन ऐसीशादीसुदा दीदी को होटल में छोड़ाsax 12 sal j brdsti skulबहन के मोटे मोठे बड़े बड़े ढूढ़ की स्टोरीbahan bhabhi bhai buaa sex story mashi chachiजबरदसती सामूहिक बलत्कार की कहानी हिँदी मेँmaa bata ke sixe khine hinde aduo 2018 xxnx comXxx hot sexy Bahan ki gori gand ki malish story Bhai ne choda randi bna ke pregnant kar diya desi sex storis नाना के गावँ मे मम्मी को नौकर से चदवायाwww.xxx.bihari.bhabi.ki.chut.chodi.khani.video.com