सेक्स की गर्मी उतर गयी

 
loading...

दोस्तों यह एक प्रोफ़ेसर साहब की कहानी है जिन्होंने अपनी स्टूडेंट को ही पटा कर चोद दिया और अब कहानी कुछ एसी है उस सुबह जब नीरज ने आँखें खोली तो सबसे पहली चीज़ जो उसके हाथ में आई वो उसका मोबाइल फोन था. उसने एक नज़र अपनी साइड में सो रही अपनी बीवी पर डाली और बेड से उठकर खिड़की पर खड़ा हो गया.

“वेल?” उसने सेल में एक मेसेज टाइप किया और स्मृति को भेज दिया

1 मिनिट बाद ही स्मृति का जवाब आ गया.

“दा पिल्स डिड्न्ट वर्क. आइ आम स्टिल प्रेग्नेंट”

नीरज का दिल बैठ गया.

“आर यू श्योर?” उसने फिर मेसेज भेजा

“ऑफ कोर्स आइ आम श्योर” स्मृति का जवाब आया “आइ आम स्टिल प्रेग्नेंट”

नीरज को जैसे खड़े खड़े चक्कर आने लगे. वो वहीं साइड में रखी कुर्सी पर सहारा लेकर बैठ गया. उसकी सारी दुनिया जैसी इस बात पर टिकी हुई थी के वो गोलियाँ काम कर जाएँगी पर ऐसा हुआ नही था और अब उसको समझ नही आ रहा था के क्या करे.

नीरज शहर के सबसे बड़े कॉलेज में लेक्चरर था. उमर 35 साल, कद 6 फुट, रंग गोरा, बिल्ट अथलेटिक. उसके पास वो सब कुछ था जो एक इंसान को अपनी ज़िंदगी में चाहिए हो सकता था. एक अच्छी नौकरी, एक सुंदर बीवी, एक 5 साल की बेटी, घर, गाड़ी, पैसा सब कुछ. वो अपनी बीवी से बहुत प्यार करता था जिससे की उसने 10 साल के अफेर के बाद लव मॅरेज की थी. वो और उसकी बीवी रूचि एक ही स्कूल में पढ़ते थे और साथ साथ आते जाते थे. वहीं दोनो की बचपन की दोस्ती प्यार में बदली, प्यार 10 साल तक परवान चढ़ा और फिर दोनो ने शादी कर ली.

नीरज की पूरी ज़िंदगी में रूचि के सिवा और कोई दूसरी लड़की नही आई थी और ना ही नीरज को किसी और लड़की की ज़रूरत पड़ी. रूचि एक बहुत खूबसूरत औरत थी. रूचि वो सब कुछ थी जो एक मर्द को अपनी बीवी में चाहिए हो सकता है. दिन में घर में एक ख्याल रखने वाली माँ, बात करने लिए एक बहुत अच्छी दोस्त और रात को बिस्तर पर पूरी रंडी. यही तो चाहता है हर मर्द के औरत से और ये सब कुछ नीरज को रूचि से हासिल हो रहा था. वो उसकी लाइफ में पहली लड़की थी और आखरी भी, ऐसा नीरज ने मान लिया था. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

और फिर उसकी पूरी लाइफ को उत्पल पुथल करने के लिए आई स्मृति. वो 1st की स्टूडेंट थी और कॉलेज का शायद ही कोई लड़का होगा जो उसके पिछे नही था. पर वो आकर गिरी नीरज की झोली में, कैसे ये उसे खुद को कभी समझ नही आया.

ऐसा नही था के वो इस लायक नही था, पर वो खुद कैसे स्मृति के चक्कर में पड़ गया, ये उसको समझ नही आया.

जब स्मृति ने उसकी तरफ अपना इंटेरेस्ट दिखाया तो ये नीरज के लिए कोई नयी बात नही था. वो शकल सूरत से एक बहुत हॅंडसम आदमी था और अक्सर उसकी कई स्टूडेंट्स उसको लाइन मारती थी. कुछ उसके प्यार में पड़ जाती थी, कुछ बस उसके साथ घूमना चाहती थी क्यूंकी वो बहुत हॅंडसम आदमी था और कुछ उसके साथ सिर्फ़ एग्ज़ॅम में अच्छे नंबर्स हासिल करने के लिए सोना चाहती थी. पर इन सबको नीरज ने कभी कोई लिफ्ट नही दी.

और स्मृति के आने के बाद सब बदल गया. वो शहर के एक बहुत बड़े अमीर बाप की औलाद थी पर उसके हाव भाव से ऐसा बिल्कुल नही लगता था. वो एक सीधी सादी सी, खामोश सी रहने वाली लड़की थी. ना ज़्यादा किसी से बात करती थी, ना ज़्यादा किसी के मुँह लगती थी.

वो दिन नीरज को आज भी अच्छी तरह से याद था जब उसके और स्मृति के रिश्ते की शुरआत हुई थी. कॉलेज ख़तम हो चुका था और सिर्फ़ कुछ प्रोफेस्सर्स ही अपने ऑफिसस में बच गये थे. नीरज भी अपने ऑफीस में बैठा काम निपटा रहा था के दरवाज़ा खुला और स्मृति अंदर आ गयी. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

“स्मृति” नीरज हैरत से उसको देखता हुआ बोला “वॉट आर यू स्टिल डूयिंग हियर?”

“नतिंग” उसने गोल मोल सा जवाब दिया और चलती हुई नीरज के करीब आई “आइ वांटेड टू टॉक टू यू”

वो नीरज के बिल्कुल करीब आकर खड़ी हो गयी थी.

“यॅ स्यौर” नीरज भी अपना पेन टेबल पर रख कर उसकी तरफ घूमते हुए बोला “अबौट वॉट?”

और इसके जवाब में उसके करीब ही खड़ी स्मृति एकदम नज़दीक आई और झुक कर कुर्सी पर बैठे हुए नीरज के होंठो को चूम लिया.

“वोओओओ उूओ उूओ” नीरज फ़ौरन उठ खड़ा हुआ और स्मृति को दूर करते हुए बोला “वॉट आर यू डूयिंग?”

“वॉट?” स्मृति हैरत से उसकी तरफ देखती हुई बोली “आइ लव यू आंड आइ वॉंट यू”

और उसके बाद अगले 2 घंटे तक नीरज उसको यही समझाता रहा के ऐसा नही हो सकता और के वो शादी शुदा है. उस वक़्त तो स्मृति समझ कर वहाँ से चली गयी और उस एक किस ने जाने ऐसा क्या किया के फिर नीरज खुद उसकी तरफ झुकता चला गया. वो खुद स्मृति को अपना इंटेरेस्ट दिखाने लगा, खुद धीरे धीरे उसके करीब आया और जब उसने पहली बार स्मृति को चोदा था तो वो जानता था के वो बिस्तर पर पहली बार किसी मर्द के साथ आई थी.

स्मृति को बिस्तर तक लाने में नीरज को ख़ासी मेहनत करनी पड़ी थी. और शायद यही वजह थी के वो और उसकी तरफ खींचा चला गया. रूचि बिस्तर पर जैसे एक भूखी शेरनी थी जो नीरज के साथ बराबर की जंग लड़ती थी पर स्मृति सुब्मिस्सिवे टाइप थी. वो उनमें से थी जो बिस्तर पर शरमाती हैं, मर्द के पहेल करने का इंतेज़ार करती हैं, मर्द को ही बिस्तर पर सब कुछ करने देती है पर वो जो भी करना चाहता है, उसके लिए मना भी नही करती. रूचि को भी नीरज शादी से बहुत पहले कॉलेज में ही चोद चुका था पर वो उसकी कम और रूचि की मर्ज़ी से ज़्यादा हुआ था. बहला फुसला कर एक लड़की को बिस्तर तक लाने का खेल उसके लिए नया था और स्मृति के साथ ये खेल खेलते हुए उसको बहुत मज़ा आया था.

और यही वो लम्हा था जब के उसने वो भारी भूल कर दी थी. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

स्मृति बिस्तर पर आधी नंगी पड़ी थी. नीरज उसके ऊपर चढ़ा हुआ था और उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ चूस रहा था.

“कम ऑन. करते हैं ना” वो स्मृति के होंठ चूस्ते हुए बोला. नीचे से उसने अपने लंड से एक हल्का सा धक्का चूत पर लगाया. नीरज पूरी तरह नंगा था जबकि स्मृति ने अपनी कमीज़ तो उतार दी थी पर सलवार अब तक पहन रखी थी.

“नीरज मुझे डर लगता है” स्मृति बोली

“डरने की क्या बात है. मैं आराम से करूँगा” वो धीरे धीरे अपनी कमर हिला रहा था और अपना लंड सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत पर रगड़ रहा था.

“आइ डनो. इट्स वियर्ड” स्मृति बोली

“इट्स नोट वियर्ड. यू विल लाइक इट” वो अपने से तकरीबन आधी उमर की लड़की को समझाता हुआ बोला.

“मुझे शरम आती है” स्मृति बोली

और यहाँ नीरज का पारा चढ़ गया. वो उसके ऊपर से हट कर बिस्तर पर साइड में लेट गया.

“अगर शरम आती है तो यहाँ एक होटेल के कमरे में मेरे साथ आधी नंगी बिस्तर पे क्या कर रही हो” उसने गुस्से से कहा

स्मृति घूम कर उसकी तरफ अपना चेहरा करते हुए बोली

“आइ आम सॉरी नीरू. इट्स जस्ट दट के मुझे शादी से पहले ये ठीक नही लगता”

“हम अब करें या शादी के बाद करें क्या फरक पड़ता है स्मृति” और यहाँ नीरज ग़लती कर गया

“यू विल मॅरी मी?” स्मृति बोली

“यस”

“बट हाउ. यू आर ऑलरेडी मॅरीड. वॉट अबौट युवर वाइफ?”

“मैं उसको डाइवोर्स दे दूँगा” चूत में लंड घुसाने के लिए मरा जा रहा नीरज उस वक़्त बिना सोचे समझे बोल गया “आइ वाना मॅरी यू”

उसके बाद उसने अगले 3 घंटे में स्मृति को 3 बार चोदा. नीरज को लगा था के वो पहले से ही चुदी हुई होगी बस उसके साथ थोड़े नखरे कर रही है पर 3 घंटे बाद उसको यकीन हो चुका था कि स्मृति ने आज पहली बार किसी मर्द को अपने आपको सौंपा है. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

अगले एक साल तक नीरज ने जी भरकर स्मृति को भोगा. वो तकरीबन रोज़ ही उसको चोद्ता था. स्मृति सूबमीस्सीवे टाइप थी इसलिए खुद तो किसी चीज़ की पहल नही करती थी पर जो कुछ भी नीरज करना चाहता उसके लिए कभी मना भी नही करती थी. नीरज ने उसके साथ वो सब कुछ किया जो वो रूचि से कभी कह भी नही पाया.
रूचि कभी उसको गांड मारने नही देती थी. स्मृति की वो चूत और गांड, दोनो मारता था.

रूचि कभी अपने मुँह में नही निकालने देती थी. स्मृति के साथ वो उसके मुँह में, चेहरे पर, जहाँ चाहे झाड़ जाता था और स्मृति कभी मना नही करती थी. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
जब उसने स्मृति को स्वॉलो करने को कहा तो उसने वो भी कर लिया.

उसके दिल में एक डिज़ाइर थी के लड़की की चूत से निकल के उसके मुँह में लंड डाले पर रूचि से वो कभी पूछ नही पाया था. ये काम उसने स्मृति के साथ किया.
अपने से आधी उमर की उस बच्ची के साथ उसने एक साल तक बंद कमरो में वासना का हर वो खेला जो वो खेलना चाहता था. जब भी ना नुकुर करती, उसे शादी की पट्टी पढ़ा देता और उसके प्यार में वो उसको मना भी नही करती थी.
नीरज को लगा था के सब ऐसे ही चलता रहेगा और एक दिन स्मृति कॉलेज पास करके चली जाएगी और ये सब एक भुला किस्सा हो जाएगा. पर जब एक दिन स्मृति ने उसको आकर बताया के वो प्रेग्नेंट है तो नीरज के पैरों के नीचे से जैसे ज़मीन खिसक गयी. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

प्रेग्नेन्सी कोई बहुत बड़ी बात नही थी. नीरज ये बात संभाल सकता था पर मुसीबत बन गयी स्मृति की बच्चा ना गिराने की ज़िद. वो चाहती थी के नीरज अपनी बीवी को डाइवोर्स दे जो कि वो एक साल से कह रहा था और स्मृति से शादी करे. वो चाहती थी के वो स्मृति के घर आए, उसके पिता से मिले, वो दोनो फेरे लें और अपना पहला बच्चा इस दुनिया में लाएँ.

नीरज जानता था के अगर उसने प्रेग्नेन्सी वाली बात किसी को कह दी तो वो ख़तम हो जाएगा. उसकी बीवी उसे छोड़ देगी, नौकरी जाएगी और सबसे बड़ी बात, स्मृति का अमीर बाप उसको ज़िंदा नही रहने देगा. वो शहर की एक जानी मानी हस्ती था.

और फिर वो स्मृति को इस बात के लिए मनाता रहा के अबॉर्षन हो जाए. जब उसने ये कहा के प्रेग्नेन्सी वाली बात सुनकर शायद स्मृति के पिता शादी ना करने दें तो वो मान गयी. उसने नीरज की इस बात पर यकीन कर लिया के कौन बाप अपनी बेटी हा हाथ ऐसे आदमी के हाथ में देगा जो शादी शुदा होते हुए भी दूसरी लड़की के साथ सो रहा था.

नीरज ने एक झूठा प्लान बताया के पहले वो अपनी बीवी को डाइवोर्स देगा फिर स्मृति के पिता से मिलेगा ताकि उनकी शादी में कोई रुकावट ना आए. वो बेचारी भोली लड़की उसकी बात मानकर अबॉर्षन के लिए राज़ी हो गयी पर तब तक देर हो चुकी थी.

डॉक्टर ने अबॉर्षन के लिए मना कर दिया. स्मृति को मनाने में बहुत वक़्त निकल गया था. वो अबॉर्षन की स्टेज से आगे निकल चुकी थी. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

एक आखरी रास्ता वो गोलियाँ थी जो नीरज ने कल रात उसको दी थी पर अब जबकि वो गोलियाँ भी फेल हो गयी तो उसको अपनी पूरी ज़िंदगी बिखरती हुई नज़र आ रही थी. ओह गॉड” उसने अपना सर पकड़ते हुए सोचा “काश वो गोलियाँ ज़हर की होती तो मनहूस साली मर ही जाती” और अचानक उसके दिल में एक ख्याल आया.

“नही नही” नीरज ने सोचा “ये ग़लत है. ऐसा नही कर सकता मैं”

उस दिन वो तैय्यार होकर कॉलेज चला तो गया पर दिमाग़ में डर के सिवा कुछ नही था. सिवाय इसके के स्मृति बच्चे को पैदा करे, उनके पास कोई चारा नही था | आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
वो कॉलेज के एक कॉरिडर में स्मृति से मिला. उन्होने ऐसे दिखाया के एक स्टूडेंट अपने प्रोफेसर से स्टडीस डिसकस कर रही है पर असल में वहाँ खड़े वो धीरे धीरे कुछ और ही बात कर रहे थे.

स्मृति के पेट पर अब हल्का हल्का उठान आना शुरू हो गया था. किसी अंजान को अभी भी ये पता नही लग सकता था के वो प्रेग्नेंट है पर नीरज ये बात जानता था.
कुछ हफ्ते और फिर पूरी दुनिया को दिखाई देगा के ये प्रेग्नेंट है, नीरज ने सोचा.

“अब हमारे पास कोई चारा नही है. अपनी वाइफ को डाइवोर्स दो जल्दी प्लीज़. अब हम ये बात ज़्यादा नही छुपा सकते,” स्मृति कह रही थी थी. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

“तूने 2 महीने पहले मेरी बात मान ली होती तो ऐसा हुआ ही ना होता” नीरज सोच रहा था. उसको बहुत गुस्सा आ रहा था.

“देखो या तो तुम कुछ करो नही तो मुझे कुछ करना पड़ेगा. भगवान की कसम कुछ कर बैठूँगी मैं” स्मृति ने रोती हुई सी आवाज़ में कहा और वहाँ से चली गयी.

थोड़ी देर बाद अपने ऑफीस में बैठे हुए नीरज को और कोई रास्ता नही सूझ रहा था.

“इसमें मेरी कोई ग़लती नही है” वो अपने आप से कह रहा था “वो खुद मेरे पास आई थी, खुद ही मेरे गले पड़ी और खुद ही अबॉर्षन ना करने की ज़िद. सारी ग़लती उसकी है और उसकी ग़लती की कीमत मैं और मेरा परिवार नही भरेगा. ग़लती की है तो भुगते, मरे” आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

जब नीरज ने अपना चेहरा आईने में देखा तो खुद को ही पहचान नही पाया. कुछ वक़्त पहले वो एक कॉलेज का एक शरीफ प्रोफेसर था पर एक साल में कितना बदल गया था. अपनी बीवी को धोखा, अपने प्रोफेशन को धोका, अपनी एक स्टूडेंट को धोखा और अब मर्डर का प्लान. कितना बदल गया था वो.

प्लान उसने साफ साफ बना लिया था और प्लान का हिंट भी स्मृति उसको खुद दे गयी थी. अगर उसका मर्डर किया जाए तो बेकार इन्वेस्टिगेशन हो जाएगी. सबको पता चल जाएगा कि वो प्रेग्नेंट थी और फिर उसके खुद के पकड़े जाने के चान्सस भी थे. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
पर अगर स्मृति स्यूयिसाइड कर ले तो? उसने खुद ही कहा था के वो कुछ कर बैठेगी. नीरज को सिर्फ़ इतना करना था के उस बेवकूफ़ लड़की को इस हद तक उकसा देना था के वो सच में कुछ कर बैठे. नीरज को सिर्फ़ उसे स्यूयिसाइड करने का रास्ता दिखाना था. इस अंदाज़ में के स्मृति को यही लगे के उन दोनो के आस अब कोई चारा नही है. जैसा की हिन्दी मूवीस में होता है.

हम जीकर नही मिल सकते, अपने प्यार को पाने के लिए हमें मरना पड़ेगा.

जीकर हम मिल नही पाए तो क्या, मरकर एक दूसरे के हो जाएँगे.

सिर्फ़ उस साली बेवकूफ़ को इस बात पर राज़ी कर लेना है और स्यूयिसाइड का सामान उसे दे देना है, नीरज ने सोचा.

नीरज को अब 2 काम करने थे और दोनो ही उसको बहुत आसान लग रहे थे.
पहला था स्मृति को स्यूयिसाइड के लिए उकसाना. इस बात पर राज़ी करना के वो दोनो एक साथ स्यूयिसाइड कर लें, यही आखरी रास्ता उनके पास बचा था.

दूसरा, उसको ज़हर लाकर देना. बहुत आसान काम था. वो एक केमिस्ट्री प्रोफेसर था और ऐसे केमिकल्स की लंबी लिस्ट उसके पास थी जो ज़हर का काम करते थे. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

तीसरा था स्यूयिसाइड नोट, जो कि इस अंदाज़ में लिखवाना था के स्मृति ने ये काम इसलिए किया के वो अपने किए पर शर्मिंदा है और अपने बाप से रिक्वेस्ट कर रही है के उसकी मौत के बाद उसकी प्रेग्नेन्सी की बात को उच्छाला ना जाए क्यूंकी इससे वो खुद भी मौत के बाद बदनाम होगी और अपने परिवार को भी बदनाम करेगी. अगर ऐसा हो गया तो उसके रसूख् वाला बाप कोई इन्वेस्टिगेशन नही होने देगा. स्यूयिसाइड को नॉर्मल मौत बना दिया जाएगा और कोई इन्वेस्टिगेशन नही होगी.

और नीरज की लाइफ फिर नॉर्मल हो जाएगी. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

यही सब सोचता वो अपने ऑफीस से निकला और केमिस्ट्री लॅब पहुँचा.

एक रॅक पर बहुत सारी केमिकल्स की बॉटल्स रखी हुई थी पर नीरज जानता था के उसको क्या चाहिए. उसने एक बॉटल उठाई और लेबल पढ़ा.

वाइट आर्सेनिक (आस4 ओ6) ** पाय्सन

थोड़ा सा पाउडर उसने बॉटल से निकाल कर एक काग़ज़ में डालकर पूडिया सी बना ली और अपनी जेब में रख लिया. वो जानता था के जितना ज़हर वो ले जा रहा है, इतना एक स्मृति को क्या, 20 लोगों की जान लेने के लिए काफ़ी है. पर वो सारा का सारा ही स्मृति को खिलाने वाला था, जस्ट टू बी ऑन दा सेफर साइड. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

जस्ट टू मेक शुवर के साली रांड़ ज़िंदा ना बच जाए, उसने दिल ही दिल में सोचा.
कहीं दिल के किसी कोने में उसको स्मृति पर तरस भी आ रहा था. आख़िर वो बेचारी एक कॉलेज जाने वाली लड़की थी और हर वही अरमान था जो एक आम लड़की के दिल में होता है. कॉलेज में किसी हॅंडसम लड़के से मिले और प्यार हो जाए, फिर उनकी शादी हो, बच्चे हों ….. उस बेचारी ने ग़लती ये की के प्यार ग़लत इंसान से कर बैठी और उसकी बहुत भारी कीमत चुकाने वाली थी. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

“नही” नीरज ने फ़ौरन अपने ख्यालों का रुख़ बदला और अपने दिल को मज़बूत किया “ये सब उसकी ग़लती थी. पहले ज़बरदस्ती गले पड़ी और फिर अबॉर्षन नही कराया. ग़लती उसकी है, ग़लती की कीमत भी वो ही भरेगी”

ज़हर उसके पास आ चुका था. अब स्मृति को स्यूयिसाइड के लिए मनाना है.

“बेवकूफ़ है साली” उसने दिल में सोचा “बहुत आसानी से मान जाएगी”

जैसे वो खुद अपने दिल को तसल्ली दे रहा था के ये काम भी आसानी से हो जाएगा.
कॉलेज में काम निपटा कर वो अपने घर के लिए निकला. रास्ते में एक केमिस्ट की दुकान पर रुक कर कुछ खाली जेलेटिन कॅप्सुल्स ले लिए जिनमें के ज़हर भर कर उसने स्मृति को देना था.

पर तक़दीर को शायद कुछ और ही मंज़ूर था. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

जब वो अपने घर पहुँचा तो शाम के 7 बज रहे थे. सर्दियों का मौसम था इसलिए भारी कोहरा हर तरफ फेल चुका था. हर तरफ अंधेरा था और लोग अपने अपने घरों में घुस चुके थे.
उसके घर के ठीक सामने स्मृति की गाड़ी पार्क्ड थी.

नीरज को समझ नही आया के क्या करे. वो बेवकूफ़ लड़की खुद उसकी बीवी के पास पहुँच गयी थी और अब तक तो सब बता दिया होगा.

उसे सब कुछ ख़तम होता दिखाई दे रहा था अपनी पूरी दुनिया ख़तम होती दिखाई दे रही थी. उसकी समझ नही आ रहा था के घर ने अंदर जाए या फिर से अपनी गाड़ी में बैठ कर कहीं दूर भाग जाए.

रूचि से दूर.

स्मृति से डोर.

सबसे दूर.

सारी मुसीबतों से दूर.

यूँ ही खड़े सोचते हुए उसको 15 मिनट बीत गये. आम तौर पर जब वो घर आता था तो उसकी बेटी फ़ौरन भाग कर बाहर आ जाती थी पर आज ऐसा हुआ नही.

घर में उसे कोई हलचल दिखाई नही दे रही थी.

डरता हुआ वो धीमे कदमों से घर के दरवाज़े तक पहुँचा और खोल कर अंदर दाखिल हुआ. ड्रॉयिंग रूम में स्मृति बैठी हुई थी.

“स्मृति तुम यहाँ?” नीरज ने कहा और एक नज़र उसपर ऊपर से नीचे तक डाली. वो पूरी खून में सनी हुई थी.

“क्या हुआ” उसके मुँह से अपने आप ही निकल पड़ा. जवाब में स्मृति ने अंगुली से कमरे के कोने की तरफ इशारा किया.

नीरज की आँखें फटी की फटी रह गयी. कलेजा मुँह को आ गया. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

कोने में रूचि की लाश पड़ी हुई थी, लाइयिंग इन आ पूल ऑफ हेर ओन ब्लड आंड पिस.

थोड़ी ही दूर पर उसकी 5 साल की बेटी की लाश पड़ी थी. उसकी गर्दन आधी कटी हुई थी, जैसे किसी बकरे को हलाल किया जाता है. उसकी आँखों के आगे जैसे अंधेरा सा छाने लगा. “मैने कहा था ना के मैं कुछ कर बैठूँगी. अब देखो ना नीरज, हमारे पास कोई चारा भी तो नही था. किसी ना किसी को तो मरना ही था तो हमारा बच्चा क्यूँ मरे? मैना अबॉर्षन क्यूँ कराऊँ? इसलिए मैने सारे रास्ते हल कर दिए. तुम ही बताओ, क्या ये सही होता के हम अपने प्यार की निशानी मेरे बच्चे को मार दें? तुमने मुझे वो गोलियाँ खाने को कहा था पर मैने खाई ही नही. क्यूँ मारु मैं अपने बच्चे को? सिर्फ़ इसलिए के लोग उसे नाजायज़ कहते ?” स्मृति कह रही थी
दोस्तो ऐसा भी होता है कि बोए पेड़ बबूल के आम कहाँ से खाय दोस्तो कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राहुल
समाप्त



loading...

और कहानिया

loading...



बुरkambale ke sath jabrjaste rep.comJABARJASTIBHABECHUDAIKAHANI.COMdoctar behan ki chudae ki store कारटे।?किचूदाईponam xxx kahani hindi mebahenstorysexhinde sex kahanePariwarmai chudai ka majaShavez k lund se seal todvai hinde mesexe bhabhi ke wasna bhare kahaneRitika ki chut chudaiतेल लगा कर चुदाई यानी सकसी चलने बालीxxx habsi ne train m choda hindiझाटो वाली बुर गहरी नींद में सो रही चोदाई बिडिओबोबे पिला दो मुझेhindi xxx storichudas kyu lagti haisex ccc debie hindi gav kubariKamraskahanigaw me bur chudai ki hindi kahaniyaअनीता ने अपनी बुर चुदाई करवा के विडीयो बनवाया हिन्दी मेniu indian sex dot com. Hindi sote huy didi ki sexi kahaniSexyi bur ki chudai chuch pikarunkal se momi suhagrat chody storiXxxकि कहानीwww.hindisexpornkahaniyakamukta.compahale bar cudai karvae ladki ne rat bar tabadtod kahane320saxyxxxdesistories.com18 साल की 35 shal औरत sexhindi videoainte Ki nagie chadie download chhoti bahan ki bursaxy bf khanyaxxx hinde kahaniVidhva bahen bhai ki sex kahani hotal memaharste ni gals hostel na sex videoकमल के अंदर क्सक्सक्स चुड़ै कहानीsavita bhabhi kahaniचुत कि कहानी केवल बिहार काचुत कि कहानि ytदीदी ने झांटे दिखाई देसी कहानियामस्‍त मुस्‍लमानी दूध और चुदाई वीडियोwww.chotti bacchi bahan ko bhai ny bour ko chata phie choada.comमालकीन की चूदाई कहानियाँmosi ko nang sote hua dekha kar bur me land dal di kahani hindibhanej.ne.mami.kee.chadi.utarkar.nangi.saxy.vidoबहन भाई की चुदाईkamukta 40 sal mefriend ke shath lesbin khanirep chudai me mot ho gai ponrpapa na raat ko chooda ahhh ohh hd sex vediosप्यासी भाभी की चूत लेने के बहानेsex kahane maratheसाया खोलकर चुदाई पोर्नसालि जिजा नुकसे कहानि फोटोKUARE MOSE KE XXX KAHANEइंडियन सेक्स वीडियो फ्रेंडशिप रेटbuddhe ka lund chusa aur peshab pipaega xxxxwww.sex.slhj.chachiki.chudaikhani.antrvasnasexstoery.comअंकल मम्मी पर चढ़े हुए थे -आह्ह्ह फाड़ दो मेरा भोंसड़ा ...urdu font xxx pregnent kahaniyanseximurgiमॉ ने चुदाई कई लोग सेboorchudaikikahanihindi ma saxe khaneyaTeacher sexbaba kahanientervasana saxstoryantarvasna potosबहन ने चुदना सिखाया कहनिhindesixe.comsexae kahanixxxx cler hinde ससूर ने बहू बुर चोदीvidesmom ke chudai image hinde sex new khaniफक मी उईईईईई सेक्स स्टोरीwww.garryporn.tube/page/%E0%A4%AE%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A0%E0%A5%80-%E0%A4%AC%E0%A4%BF-%E0%A4%AA%E0%A4%BF-610739.htmlSasur ne bhau ko jabarjati pela khaniya