हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आर्यन है और में एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ और में देहरादून का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 21 साल है. में दिखने में बहुत अच्छा हूँ मेरा रंग गोरा है और में हर दिन जिम भी जाता हूँ. दोस्तों मुझे पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और में जब भी फ्री होता हूँ तो इसकी कहानियाँ पढ़ने लगता हूँ. दोस्तों आज में आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ.
जब मैने कॉलेज जाय्न किया तब लड़को ज्यादा लड़कियो से दोस्ती की. यह आर्ट्स स्टूडेंट्स में कामन था. हमेशा कॉलेज में पढ़ाई और आपने दोस्तो में बिज़ी रहने से रंजिनी से कई दिन मिल नही पाया बात तो दूर की बात थी. एक दिन जब मैं आपने दोस्तो से मिलने जाने के लिए त्य्यर हो रहा था तब घर की कॉल बेल बाजी. मेने जब डोर खोला तो रंजिनी बाहर कड़ी थी.
हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम साजिद है. दोस्तों दोस्ती हमें प्यार का मौका देती है और प्यार हमे इन्सान के रूह और जिस्म तक पहुँचने का मौका देती है, लेकिन कैसे कोई अजनबी हमारा दोस्त बन जाता है और फिर हमारे बीच वो सब हो जाता है, जो किसी के लिए सपना है तो किसी के लिए हक़ीक़त कुछ ऐसी ही हक़ीक़त मेरे साथ हुई है जो सुनने के बाद शायद आप भी सोचने लगे कि काश ऐसा होता. दोस्तों ये कहानी है मेरी और सोनाली की.
मेरी पहली सच्ची कहानी है और अब मेरा परिचय, मेरा नाम फरहीन है और में मुंबई में रहती हूँ. में अभी तक कुंवारी हूँ और मेरे फिगर का साईज मेरे बूब्स 36 इंच, कमर 34 इंच और 40 इंच कूल्हे है. बहुत सारे लड़के मेरे जिस्म के सेक्सी अंगो को घूर घूरकर देखते है और मुझे उनका ऐसा करना बहुत अच्छा लगता था, लेकिन में भी अपने फिगर को देखकर मन ही मन बहुत गर्व महससू करती और अपने फिगर को उन सभी को ज्यादा से ज्यादा दिखाती और उन्हें अपनी तरफ आकर्षित करती थी. मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता था और अब में सीधे अपनी आज की कहानी पर आती हूँ.
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सुमित मिश्रा है और में 22 साल का जवान पुरुष हूँ, कद 5 फुट 9 इंच, रंग गोरा और मेरा लंड सामने से थोड़ा छोटा है, में तंदुरुस्त और हट्टा कट्टा हूँ और कोई नशा नहीं करता. ये मेरी इस साईड पर पहली कहानी है. में आपको मेरी पहली चुदाई के बारे में आपको बताना चाहता हूँ. ये कहानी बिल्कुल सच्ची है और यह बात उस समय की है जब मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं थी, हांलाकि में अपनी कोचिंग में और अपने स्कूल में ऊपर-ऊपर से काफ़ी मज़े कर चुका हूँ, लेकिन मैंने कभी चुदाई नहीं की थी. मेरी बहुत इच्छा थी कि में चुदाई करूँ, लेकिन लगता था कि किस्मत अभी मेरे पर मेहरबान नहीं हुई थी, में…
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विशाल है और में पूना में रहता हूँ. दोस्तों यह मेरे साथ नवम्बर महीने में घटित हुई एक सच्ची घटना है जब में अपनी कार से काम पर जा रहा था तो मेरा ध्यान सिटी बस स्टॉप पर खड़ी एक लड़की पर गया तो मुझे उसका चेहरा कुछ जाना पहचाना सा लग रहा था तो मैंने अपनी गाड़ी को एक साईड में रोककर खड़ी कर दिया और अब में उसे बहुत ध्यान से देख रहा था और फिर मुझे याद आ गया कि में अपने कॉलेज के जमाने में जिस लड़की पर लाईन मारता था यह वही थी और उसका नाम रेखा था. में अब सीधा अपनी कार से उतरकर उसके पास जाकर उससे बोला कि हैल्लो पहचाना मुझे? तो…
हैल्लो दोस्तों मेरा नाम विकास है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 25 है, दोस्तों मुझे शुरू से ही सेक्स करना और सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता था और में बहुत सालों से इस पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों यह बात आज से तीन साल पहले की है. मेरे घर के सामने वाले घर में एक औरत कुछ समय पहले किराए पर रहने आई, वो शादीशुदा थी और उसकी एक बेटी थी और उसका पति कहीं बाहर रहकर अपनी नौकरी किया करता था. दोस्तों में जब भी अपनी बालकनी में खड़ा होता वो हमेशा मुझे देखती रहती थी. हमारा घर रोड पर है तो वहाँ पर एक दिन बहुत…
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम नताशा है और मेरी उम्र 21 साल है. में भोपाल की रहने वाली हूँ. दोस्तों अब में कहानी शुरू करती हूँ, में भोपाल में बी.कॉम की स्टूडेंट हूँ और यह उस समय की बात है जब में 12वीं क्लास में थी और बहुत सेक्सी लगती थी. मेरे कई बॉयफ्रेंड थे, लेकिन उस टाईम करण मेरा बॉयफ्रेंड था जो कि मेरे भाई अभिषेक का बहुत अच्छा दोस्त था. अभिषेक को पता था कि मेरे और करण के बीच में कुछ तो चल रहा है, लेकिन वो पक्का नहीं था.
हैल्लो दोस्तों, मेरी इस साईट पर ये पहली कहानी है. दोस्तों मेरा नाम रूचि है और में पटना बिहार से हूँ, मेरी लंबाई 5 फुट 7 इंच है और में दिखने में गोरी हूँ और मेरी पूरी बॉडी पर एक भी बाल नहीं है. मेरा फिगर साईज 36-33-35 है. ये कहानी तब शुरू हुई जब मैंने डेंटल कॉलेज में अपना ग्रेजुयेशन शुरू किया था. में रैगिंग में ही कुछ सीनियर्स कि नजर में चढ़ गई थी, पता नहीं उन्होंने पहले ही दिन कितना मुठ मारा होगा? लेकिन मैंने किसी को भी भाव नहीं दिया. फिर पहला साल गुजरने के बाद मुझे प्रेक्टिकल एग्जॉम में अपने कॉलेज का प्रोजेक्ट वर्क होता था, जिसमें मरीज को देखना होता था.
हैल्लो दोस्तों, आज में आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ जो करीब आज से दो साल पहले की है, जब में अपने कॉलेज के दूसरे साल में हुआ करता था और में उस समय अपने चाचा के पास वाले घर में ही रहता था और अपनी पढ़ाई किया करता था. दोस्तों मेरे चाचा की नौकरी एक प्राईवेट कंपनी में होने की वजह से वो अक्सर घर पर थोड़ा देरी से ही आया करते थे और चाची एक हाउस वाईफ थी.